हजारीबाग के आरोग्यं अस्पताल पर आयुष्मान कार्डधारी मरीज से पैसे लेने का आरोप। सिविल सर्जन ने जांच टीम बनाई, दोषी पाए जाने पर होगी कार्रवाई।
हजारीबाग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए राहत साबित हो रही है, लेकिन हजारीबाग जिले के आरोग्यं अस्पताल पर इस योजना को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। सरिया बगोदर निवासी राजेंद्र मंडल ने दावा किया है कि उनकी पत्नी मंजू देवी के ऑपरेशन के नाम पर अस्पताल ने उन्हें गुमराह कर पैसे वसूले, जबकि शुरुआत में कहा गया था कि इलाज आयुष्मान कार्ड से मुफ्त में होगा।

मरीज पक्ष का आरोप
राजेंद्र मंडल का कहना है कि पत्नी की पैर की बीमारी के इलाज के लिए वे आरोग्यं अस्पताल आए थे। काउंटर पर आयुष्मान कार्ड दिखाने पर अस्पताल कर्मियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि इलाज योजना के तहत होगा और मरीज को भर्ती कर लिया गया।
लेकिन 2-3 दिनों तक जांच के नाम पर उनसे पैसे लिए गए और फिर ऑपरेशन से ठीक पहले कह दिया गया कि आयुष्मान योजना से यह इलाज संभव नहीं है।
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के लिए उनसे कई कागजों पर हस्ताक्षर करवाए गए और नकद पैसे भी जमा कराए गए। राजेंद्र मंडल का सवाल है कि जब सरकार ने आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया है, तो फिर उनसे पैसे क्यों मांगे गए।
Key Highlights
हजारीबाग के आरोग्यं अस्पताल पर आयुष्मान कार्डधारी मरीज से पैसे लेने का आरोप।
राजेंद्र मंडल बोले, ऑपरेशन से पहले कहा गया इलाज योजना से नहीं होगा।
अस्पताल प्रशासन ने आरोप नकारे, कहा- मरीज आयुष्मान श्रेणी में नहीं आते।
सिविल सर्जन ने जांच टीम बनाई, कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इलाज पूरा होने के बाद भी डिस्चार्ज नहीं करने का आरोप।
अस्पताल प्रशासन का पक्ष
इस पर अस्पताल की प्रशासक जया सिंह ने कहा कि अस्पताल में फिलहाल लगभग 40 मरीजों का इलाज आयुष्मान योजना से चल रहा है। आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि राजेंद्र मंडल आयुष्मान लाभार्थी की श्रेणी में आते ही नहीं हैं।
उन्होंने यह भी दावा किया कि मरीज के परिजन ने खुद हस्ताक्षर कर यह लिखित रूप में दिया है कि उनके पास कैशलेस इलाज का कोई वैध कार्ड उपलब्ध नहीं है। इसलिए पैसे जमा कराए गए।
सिविल सर्जन की प्रतिक्रिया
मामले पर हजारीबाग के सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि आयुष्मान योजना से जुड़ी यह शिकायत गंभीर है और अभी-अभी संज्ञान में आई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक टीम बनाकर मामले की जांच कराई जाएगी। अगर अस्पताल की गलती साबित होती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित परिवार की पीड़ा
राजेंद्र मंडल का आरोप है कि इलाज पूरा होने के बाद भी उनकी पत्नी को डिस्चार्ज नहीं किया गया, क्योंकि उन्होंने अस्पताल को अतिरिक्त पैसे देने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि इलाज के दौरान ही मानसिक और आर्थिक दबाव डाला गया, जिससे वे परेशान हैं।
आयुष्मान भारत योजना क्या कहती है?
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत देशभर के गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में मिलता है। योजना का उद्देश्य लोगों को आर्थिक बोझ से बचाना है। यदि हजारीबाग का यह मामला सही पाया जाता है, तो यह योजना की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल होगा।
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