Saturday, September 27, 2025

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रांची शहर में निगम लगाएगा 1 लाख पौधे

रांची: नगर निगम इस बार मौसमी वर्षा के मौके पर शहर में एक लाख से भी अधिक पौधे लगाने का काम करने जा रहा है।
इन पौधों को 53 वार्डों में वितरित किया जाएगा। जानकारी के अनुसार, प्रत्येक पौधे की लगाने की लागत 3200 रुपये होगी, जिसमें पौधे के 3 साल का रख-रखाव भी शामिल होगा।
इस तरह, एक लाख पौधों को लगाने के लिए कुल 32 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। पौधे लगाने का टेंडर माध्यम द्वारा कार्य पेटसी और प्रिंस इलेक्ट्रॉनिक्स टीवी कंप्यूटर इंस्टीट्यूट को सौंपा गया है।
हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय हाइवे प्राधिकरण (एनएचएआई) हर पौधे की लगाने की लागत केवल 1000 से 1200 रुपये ही रखता है, और इसमें पौधों की 5 साल की देखभाल भी शामिल होती है। देखभाल की लागत प्रति पौधे के लिए 1000 रुपये होती है।
इस प्रकार, नगर निगम को एनएचएआई की तुलना में एक पौधे की लगाने में ढाई गुना ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। वर्तमान में पहला चरण आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 20 हजार पौधे लगाए जाएंगे।
इस चरण में, मोरहाबादी मैदान, एदलहातू, बोड़या रोड, बूटी मोड़ से कांटाटोली सड़क, बिरसा चौक से धुर्वा डैम रोड, और बिरसा चौक से तुपुदाना चौक तक ऐसी कई जगहें शामिल हैं जहां पौधे लगाए जाएंगे।
मोरहाबादी और एदलहातू में पौधों की लगाने की प्रक्रिया प्रगति पर है। कांटाटोली में फ्लाईओवर के कार्य के कारण, वहां पर पौधे लगाना संभव नहीं है। नेपाल हाउस से घाघरा पुल तक के मार्ग किनारे रखने के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है।
बिरसा चौक से तुपुदाना के बीच का फुटपाथ कंक्रीट से बना हुआ है। धुर्वा में कई प्रोजेक्ट्स कार्यान्वित हो रहे हैं। कोकर चौक से बूटी मोड़ तक की सड़क के विस्तार का कार्य चल रहा है। नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, पौधों की देखभाल करने में खर्च काफी बढ़ता है। हम पौधों की जीवित रखने पर ही भुगतान करते हैं।
पौधों को लगाने के लिए, हम वार्ड पार्षदों से सहायता लेंगे। पौधों की निगरानी के लिए, हम जीपीएस टैगिंग का उपयोग करेंगे।
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, हर वार्ड में 30 से अधिक प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। इनमें शीशम, काट सागवान, करेंज, आम, कटहल, पीपल, और बरगद जैसे अनेक प्रकार के पौधे शामिल होंगे। इसके साथ, ये पौधे निजी जमीनों पर भी लगाए जा सकते हैं।
पौधे लगाने के लिए निजी जमीन के स्वामियों के साथ पहले समझौता किया जाना होगा। इस समझौते के तहत, पौधों की देखभाल की गारंटी भी ली जाएगी।

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