रांची: हाईकोर्ट ने 781 करोड़ रूपए की जीएसटी घोटाले के आरोपी समित गुप्ता को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
सुभाष चांद की अदालत ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि राष्ट्र और राज्य के निर्णाण व विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार को सीजीएसटी और एसजीएसटी का भुगतान एक साधारण नागरिक कर रहा है,लेकिन आरोपी ने एैसा नहीं करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से जालसाजी की है।
व्यक्तिगत लाभ के लिए गिद्ध दृष्टि रखकर सार्वजनिक धन की हानि कर रहे हैं। ऐसा करके ये अपराधी राष्ट्र और राज्य की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं।
ऐसे लोगों की वजह से देश और राज्य का विकास प्रभावित हो रहा है। समाज के ऐसे सफेदपोश अपराधियों को आंख खोलने वाला संदेश भेजने के लिए अलग दृष्टिकोण से निपटा जाना चाहिए। मालूम हो कि सुमित कुमार गुप्ता सॉल्ट लेक कोलकाता का व्यापारी है।
गुप्ता सहित उसके नेटवर्क के व्यापारियों ने मिलकर 135 फर्जी फर्म बनाकर अवैध रूप से 781.39 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। इस मामले में 8 अप्रैल को जीएसटी के निदेशक ने सुमित गुप्ता को कोलकाता से गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में है।
सेंट्रल जीएसटी विभाग की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता पीएस पति और अनुराग विजय ने पक्ष रखा। वहीं सुमित गुप्ता की ओर से अधिवक्ता नितिन कुमार पसारी ने बहस की।
इस मामले में दायर चार्जशीट में कहा गया था कि इसका कारोबार दिल्ली, झारखंड, बंगाल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा तक फैला हुआ है। इसने घोटाले के पैसों से करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है।