पटना. बिहार में अपराध की वैज्ञानिक जांच को और सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार और सीआईडी की पहल पर अब हर जिले में फॉरेंसिक साइंस लैब का कार्यालय स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही सभी कार्यालयों में कम से कम एक-एक एफएसएल मोबाइल वाहन की भी तैनाती की जाएगी। बता दें कि, वर्तमान में ऐसे मोबाइल वाहनों की संख्या 17 है, जिनकी तैनाती पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर समेत 13 अलग-अलग जिलों में है।
एफएसएल कार्यालय स्थापित होने से इसका सीधा फायदा यह होगा कि अब अपराध की जांच के लिए पुलिस को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और घटनास्थल से ही वैज्ञानिक तरीके से सबूत जुटाए जा सकेंगे।
हर जिले तक पहुंचेगी फॉरेंसिक मोबाइल वैन
सीआईडी के स्तर पर एफएसएल वैन की संख्या बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। जिससे आने वाले समय में सभी जिलों में कम से कम एक मोबाइल वैन की तैनाती की जाए। फिलहाल 34 ऐसे वैन की खरीद की प्रक्रिया जारी है, जिसका इस वर्ष अक्टूबर तक पूरी हो जाने की संभावना है। अक्टूबर के बाद इन वैनों की संख्या 51 हो जाएगी।
वहीं बड़े और संवेदनशील जिले जैसे- पटना, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर, जहां अपराध और एफआईआर की संख्या अधिक है, वहां एक से अधिक वैन तैनात किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त 50 नए विशेष वैन की मांग गृह विभाग से की गई है, जिसका प्रस्ताव गृह विभाग के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।
क्या खासियत है इन मोबाइल वैन की
- अत्याधुनिक उपकरण – फिंगरप्रिंट, फुटप्रिंट, नारकोटिक्स टेस्ट और रक्त जांच की किट।
- हाई-रेजोल्यूशन कैमरा – घटनास्थल की बारीक तस्वीरें लेने के लिए।
- कृत्रिम लाइटिंग – रात या अंधेरे स्थान पर साक्ष्य जुटाने में सहूलियत।
- ऑन-स्पॉट एनालिसिस – घटनास्थल पर ही प्राथमिक जांच पूरी करने की सुविधा।
नया कानून और एफएसएल की बढ़ती जरूरत
देश में हाल ही में लागू भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत जिन अपराधों में 7 साल या उससे ज्यादा की सजा का प्रावधान है, उनमें मौके पर ही एफएसएल जांच जरूरी हो गई है। इसका मतलब यह है कि हत्या, दुष्कर्म, संगठित अपराध और बड़े आर्थिक अपराध जैसे मामलों में एफएसएल की भूमिका और अहम हो गई है।
क्या कहते हैं आंकड़ें
बीएनएस लागू होने के बाद से बिहार में कुल 16,486 मामलों में एफएसएल टीम या वैन की मांग की गई। इनमें से 12,000 से ज्यादा मामलों (73%) में एफएसएल मौके पर पहुंचकर जांच कर सका। लक्ष्य है कि आने वाले समय में यह प्रतिशत 100% तक पहुंचाया जाए।
सीआईडी के एडीजी पारसनाथ का कहना है
“एफएसएल कार्यालय हर जिले में खोलने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। मौजूदा 17 वैन के अलावा 34 नई वैन की खरीद अक्टूबर तक पूरी हो जाएगी। साथ ही 50 अतिरिक्त वाहनों की खरीद के लिए गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। हमारा लक्ष्य है कि जिला स्तर पर एफएसएल को पूरी तरह सुदृढ़ किया जा सके।”
क्या होगा असर
- अपराध की जांच तेज़ और वैज्ञानिक होगी।
- सबूत जुटाने में पारदर्शिता और मजबूती आएगी।
- पुलिस को समय पर रिपोर्ट मिलेगी, जिससे कोर्ट केस मज़बूत होंगे।
- ग्रामीण और दूर-दराज के जिलों में भी आधुनिक जांच सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
आने वाले दिनों में इन वैन की मदद से बिहार पुलिस को केस सॉल्व करने में तेजी आएगी और अदालत में पेश किए जाने वाले सबूत भी और मजबूत होंगे, जिससे बिहार में क्राइम रेट में और भी गिरावट आएगी।
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