रांची: साइबर अपराधियों ने नौकरी का झांसा देकर दो युवतियों को अपने जाल में फंसा लिया और उनके नाम से बैंक खाते खुलवाकर लाखों की ठगी को अंजाम दिया। मामला झारखंड की राजधानी रांची से सामने आया है, जहां पीड़िता आशिका सिन्हा की शिकायत पर साइबर थाना में तीन आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पीड़िता के अनुसार, आरोपी सूरज कुमार सिन्हा, दीपक कुमार उर्फ रितेश राज और जया मनीषा बाड़ा ने खुद को बैंक में नौकरी दिलाने वाला बताया। उन्होंने पहले आशिका से संपर्क किया, फिर उसकी दोस्त कागज कुमारी को भी भरोसे में ले लिया। दोनों को मोरहाबादी में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इसके बाद आरोपियों ने उन्हें नया सिम कार्ड लेने को कहा और इसके लिए पैसे भी दिए।
झांसे में आकर युवतियों ने दो बैंकों में अपने नाम से खाते खुलवाए। खाते खुलते ही पासबुक, चेकबुक और एटीएम कार्ड आरोपियों ने यह कहकर ले लिए कि वेतन इसी खाते में आएगा और उसे पहले अपने खाते से जोड़ना होगा। इसके बाद आरोपियों ने मोबाइल सिम को खातों से लिंक कर उसे वेरीफाई भी करवा लिया और फिर कहा कि अब सिम की जरूरत नहीं है, वह बंद रहेगा।
कुछ दिनों बाद आरोपियों ने फिर से एक और खाता खुलवाने का दबाव बनाया, जिससे आशिका को शक हुआ। जब वह अपना खाता बंद कराने बैंक पहुंची तो पता चला कि उसका खाता फ्रीज कर दिया गया है, क्योंकि उसमें संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुआ है।
अब साइबर थाना पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है। शुरुआती जांच में यह साफ हो गया है कि ठगी के लिए युवतियों के खातों का इस्तेमाल किया गया।