दामोदर रोपवेज एण्ड इंफ्रा लिमिटेड पर 9 करोड़ रुपए का दंड

रांची: पिछले साल 10 अप्रैल को देवघर जिले के त्रिकूट पर्वत पर रोप-वे हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई थी।

इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है और रिपोर्ट में रोप-वे कंपनी को दोषी माना गया है।

अब राज्य सरकार ने कंपनी दामोदर रोपवेज एण्ड इंफ्रा लिमिटेड पर 9 करोड़ रुपए का दंड लगाने का

निर्णय लया गया है है। मामले पर अंतिम निर्णय अंतिम निर्णय जेटीडीसी बोर्ड की बैठक में होगा साथ ही,

बंद पड़े रोप-वे को फिर से चालू किया जाएगा, लेकिन इससे पहले सुरक्षा ऑडिट किया जाएगा।

इसके लिए कंसलटेंट की नियुक्ति के लिए टेंडर जारी किया जाएगा, जो रोप-वे के डीपीआर को तैयार करेगा।

संचालन के लिए भी रोप-वे एक्सपर्ट्स कंपनी की सलाह ली जाएगी। दोबारा संचालन के लिए कंपनी

को एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा, और नए सिरे से संचालन के लिए कंपनी का चयन किया जाएगा।

9 करोड़ रुपए का दंड

दुर्भाग्यवश, हादसे के बाद संचालक कंपनी ने इसे पूरी तरह तकनीकी कारणों से हुआ हादसा माना है।

हादसे पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था और एक हाइलेवल कमेटी गठित की गई थी।

रोप-वे संचालक कंपनी दामोदर रोपवेज एण्ड इंफ्रा लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट महेश मोहता ने बताया कि

जांच रिपोर्ट में हादसे को रेयर ऑफ द रेयरेस्ट बताया गया है। यह हादसा शाफ्ट टूटने से हुआ था,

और इसकी वजह हाइड्रोजन की अधिक मात्रा और ग्रीस में कुछ कमियों की गलती थी।

कंपनी ने खुद को इस घटना के लिए जवाबदेह नहीं ठहराया है।
राजस्व सरकार ने इस दोषपूर्ण कार्यवाही के तहत कंपनी से लगभग 9 करोड़ रुपए की राशि मांगी है।

इस राशि में से 5 करोड़ रुपए रोप-वे की मरम्मत में खर्च किए जाएंगे, और प्रतिवर्ष 3 करोड़ रुपए के

हिसाब से संचालन के लिए। इसके अलावा, रेस्क्यू के लिए आई एनडीआरएफ को भी 1 करोड़ रुपए बकाया है,

जो दिया जाएगा।

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