डिजिटल डेस्क : दुनिया में सबसे प्रदूषित राजधानी है दिल्ली। दुनिया में प्रदूषण के लिहाज से तैयार हुई सूची में भारत की राजधानी दिल्ली ने अलग रिकार्ड बनाया है। दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी के रूप में चिन्हित हुई है।
Highlights
दिल्ली में पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर 91.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो 2023 के 92.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से एक प्रतिशत से भी कम है। इसके साथ ही दिल्ली लगातार दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बनी हुई है।
वैश्विक स्तर पर जारी रिपोर्ट में बताया कि जारी रिपोर्ट मेंदावा किया गया है कि दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी है। दिल्ली की स्थिति में पहले की तुलना में अब भी कोई विशेष सुधार दर्ज नहीं हुआ और वह जस की तस वाली हालत में बरकरार है।
भारत पांचवां सबसे प्रदूषित देश
वैश्विक स्तर पर जारी रिपोर्ट से सीधे तौर पर भारत का आकलन करने पर लगता है कि भारत में वायु प्रदूषण की समस्या बेहद गंभीर है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अब दुनिया का पांचवां सबसे प्रदूषित देश बन गया है, जबकि 2023 में यह तीसरे स्थान पर था।
साल 2024 में भारत में पीएम 2.5 का औसत स्तर 50.6 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो 2023 के 54.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से 7% कम है। हालांकि, दुनिया के 10 सबसे प्रदूषित शहरों में से 6 भारत में ही हैं।
35% भारतीय शहरों में पीएम 2.5 का स्तर डब्ल्यूएचओ की सीमा से 10 गुना अधिक पाया गया।

दुनिया के सबसे प्रदूषित 20 में से 13 शहर भारत के
स्विट्जरलैंड की वायु गुणवत्ता तकनीक कंपनी आईक्यूएयर की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2024 में बड़ा खुलासा हुआ है कि दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 13 शहर शामिल हैं।
इस रिपोर्ट में भारत के सबसे प्रदूषित शहरों की बात करें तो, इसमें असम का एक शहर, पंजाब का एक शहर, राजधानी दिल्ली के दो शहर, हरियाणा के दो शहर, राजस्थान के तीन शहर और उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा चार शहर शामिल हैं।
बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा समेत पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ दक्षिण और पश्चिम के कई राज्य प्रदूषित शहरों से दायरे से बाहर मिले हैं।

असम का बर्नीहाट भारत का सबसे प्रदूषित शहर
इसी क्रम में इस रिपोर्ट के आधार पर विश्लेषण करने पर मिलता है कि भारत में सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में असम का बर्नीहाट सबसे टॉप पर है।
इसके बाद दिल्ली, मुल्लांपुर (पंजाब), फरीदाबाद (हरियाणा), लोनी ( गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश), नई दिल्ली, गुरुग्राम (हरियाणा), गंगानगर (राजस्थान), ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश), भिवाड़ी (राजस्थान), मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) और हनुमानगढ़ (राजस्थान) का स्थान है।
बता दें कि प्रदूषण के मानक पर पीएम 2.5 के अत्यधिक स्तर से सांस संबंधी बीमारियां, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
वहीं लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ स्टडी के अनुसार, 2009 से 2019 के बीच हर साल भारत में करीब 15 लाख मौतें लंबी समय तक पीएम 2.5 प्रदूषण के संपर्क में रहने से हुईं। जबकि, वायु प्रदूषण के कारण भारत में औसत जीवन प्रत्याशा 5.2 साल घट रही है।
वहीं डब्ल्यूएचओ की पूर्व वैज्ञानिक एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाहकार सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार, भारत ने वायु गुणवत्ता डेटा जुटाने में प्रगति की है, लेकिन ठोस कार्रवाई की जरूरत है।