रांची: हर साल झारखंड से हजारों श्रद्धालु जम्मू-कश्मीर स्थित अमरनाथ की पवित्र गुफा के दर्शन के लिए कठिन यात्रा पर निकलते हैं। वर्ष 2025 में यह यात्रा 25 जुलाई से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगी। इस पावन तीर्थयात्रा में भाग लेने के लिए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, जिसकी प्रक्रिया 14 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। श्रद्धालुओं को इस यात्रा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से पंजीकरण की सुविधा दी गई है।
हालांकि, इस बार झारखंड के हजारों श्रद्धालुओं की आस्था को झटका लगा है। राज्य सरकार की लापरवाही के कारण बड़ी संख्या में लोग पंजीकरण प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहे हैं। दरअसल, अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन के बाद एक यात्रा परमिट जारी किया जाता है, जिसके लिए फिटनेस सर्टिफिकेट यानी स्वास्थ्य प्रमाणपत्र अनिवार्य होता है। इसे राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पतालों से ही प्राप्त किया जा सकता है।
यहां झारखंड सरकार की चूक सामने आई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग को श्राइन बोर्ड के पोर्टल पर उन अस्पतालों की सूची अपलोड करनी थी, जो स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जारी कर सकते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने यह ‘कन्सेंट लिस्ट’ श्राइन बोर्ड को भेजी ही नहीं। इसका नतीजा यह हुआ कि झारखंड के अस्पतालों का नाम बोर्ड के पोर्टल पर नहीं दिख रहा, जिससे श्रद्धालु फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं बनवा पा रहे हैं और पंजीकरण नहीं कर पा रहे।
यात्रा में शामिल होने वाले प्रत्येक श्रद्धालु को पंजीकरण के बाद RFID कार्ड दिया जाता है, जो यात्रा मार्ग में प्रवेश के लिए अनिवार्य होता है। लेकिन झारखंड में पंजीकरण प्रक्रिया ही बाधित हो गई है, जिससे श्रद्धालुओं की धार्मिक आस्था पर ठेस पहुंच रही है। राज्य सरकार की इस लापरवाही को लेकर श्रद्धालुओं में भारी नाराजगी देखी जा रही है।