आरा : भाकपा (माले) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल, आरा सांसद सुदामा प्रसाद और काराकाट विधायक अरुण सिंह, डुमरांव विधायक अजित कुमार सिंह, अगिआव विधायक शिवप्रकाश रंजन की अगुआई मे भाकपा (माले) एक उच्चस्तरीय दल आज जवइनिया गांव पहुंची। सभी लोगों ने कटाव स्थल जवनिया और नौरंगा गांव का दौरा किया और वहां के लोगों के बात की। साथ ही बांध पर हो रहे समस्याओं को लेकर लोगों से बातचीत की और जायजा लिया। आरा सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि कोइलवर से बक्सर तक पक्का बांध बनना चाहिए। कटाव का स्थायी निदान हो, जमीन का पर्चा देकर छीन लिया गया वापस हो और बिलौटी में बसाने का वादा पूरा किया जाए।
ढाई महीने में जमीन-मकान सूची पूरी नहीं हुई – दीपांकर भट्टाचार्य
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि ढाई महीने में जमीन-मकान सूची पूरी नहीं हुई, उसमें से भी नाम कटा। हमें पूरी सूची के लोगों को यह लाभ दिलाने के लिए लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के बहाने से लंगर को बंद करने की कोशिश होगी। हमें उसे रोकना होगा। जमीन के बदले जमीन, मकान के बदले मकान की मांग करनी होगी।
डॉक्टर, एम्बुलेंस और बच्चों को स्कूल भेजने की गारंटी सरकार करे। जिला प्रशासन, राज्य व केंद्र सरकार के स्तर पर हम मांग को उठाएंगे।
दीपांकर ने कहा- आरके सिंह लगातार मंत्री रहे, उन्होंने कुछ नहीं किया
दीपांकर ने कहा कि बीजेपी के नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह लगातार मंत्री रहे, उन्होंने कुछ नहीं किया। जाति और धर्म के नाम पर हम कोई भेदभाव नहीं करते। कौन हमारे वोटर हैं, कौन नहीं, सभी लोगों को जमीन मिले, आवास मिले, सबका पुनर्वास हो। हमें पूरी एकता बनाकर चलना है और अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए हरतरह के आंदोलन के लिए तैयार रहना होगा। नीतीश सरकार ने पर्चा देकर वापस ले लिया, यह एक तरह का अपमान है। हमें इस अपमान को याद रखना होगा। सरकार अभी भी कटाव रोकने के लिए कुछ नहीं कर रही, यह बहुत बड़ा अपराध है।
ग्रामीण सियाराम गोंड ने कहा- इस बांध पर बसे पीड़ितों की ओर से अपनी बात रखी
संवाद के दौरान ग्रामीण सियाराम गोंड ने बताया कि इस बांध पर बसे पीड़ितों की ओर से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि राहत के नाम पर लूटपाट हो रही है। दलित-पिछड़ा समाज के लोगों, वास्तविक पीड़ितों को लाभ नहीं मिल रहा है। एक परिवार के एक का नाम है, किसी का नहीं। मिथिला देवी, पति आदेश तिवारी ने कहा कि सबको जमीन मिले, बनाकर घर मिले। नारद चौधरी ने कहा कि पिछले साल हो 64 परिवारों को जमीन का पर्चा मिला, आज तक कब्जा क्यों नहीं दिलवाया गया। पति-पत्नी दोनों का आधार मांगता है, केवाईसी भी नहीं बन रहा है।
अस्पताल में भर्ती थीं, तभी घर ढह गया लेकिन मुआवजा में अभी तक नाम नहीं जुडा है – हरेंद्र यादव
लीलावती देवी पति हरेंद्र यादव ने बताया कि अस्पताल में भर्ती थीं, तभी घर ढह गया लेकिन मुआवजा में अभी तक नाम नहीं जुड़ा है। रामबरन चौधरी ने कहा कि जमीन मिलने का कहकर नीतीश की सभा में ले जाया गया, अभी तक जमीन का नहीं मिली। आठ सितंबर को इस सवाल पर प्रदर्शन भी किया गया। गोंड लोगों का नाम इस सूची में नहीं है। मुखिया सुभाष चौधरी ने कहा कि पहली सूची में 226 लोगों की सूची बनाई। सीओ ने 187 लोगों का नाम फाइनल किया उसमें 111 लोगों को हो पैसा मिला। 70 लोगों को हो जमीन का पर्चा मिला है। मुकेश चौधरी वार्ड सदस्य-4 और विजय राय, वार्ड सदस्य-8 ने बताया कि कोई भी नाम गलत नहीं है। किस आधार पर नाम छंटा यह पता नहीं चला। वायदे के बाद भी वादाखिलाफी की गई। उक्त जानकारी चंदन कुमार , मीडिया प्रभारी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दिया।
दीपांकर, कुणाल, सुदामा, के साथ कई विधायक, माले नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे
भाकपा (माले) के जिला प्रभारी अभ्युदय, राज्य कमिटी सदस्य व पूर्व आरा उमीदवार क्यामुद्दीन अंसारी, केंद्रीय कमिटी सदस्य व लोकयुद्ध के सम्पादक संतोष सहर, ऐपवा नेत्री इंदु सिंह, संगीता सिंह, शिक्षाविद प्रोफेसर डीएन चौधरी, पर्यावरणविद राजेन्द्र प्रसाद, विश्वनाथ चौधरी, श्यामनन्द सिंह, अधिवक्ता अमित कुमार, शाहपुर प्रखंड सचिव हरेंद्र सिंह, निलाशीष बसु, सुधीर सिंह, दिलराज प्रीतम, अशोक कुशवाहा, उत्तम कुमार, कॉमरेड हरेंद्र जी स्थानीय, बैजू कुशवाहा, विमल सिंह, दीनानाथ राम, झखर चौधरी, सुरेंदर पासवान, मुखिया प्रतिनिधि दिनेश यादव, सुबास बिंद और सियाराम गोंड सहित सैकड़ों कार्यकर्ता नेता भी उनके साथ थे।
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नेहा गुप्ता की रिपोर्ट
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