गिरिडीह: ब्लास्टिंग की आवाज से परेशान ग्रामीणों ने पत्थर उत्खनन का किया विरोध

गिरिडीह. जिले के तिसरी में संचालित बेलवाना पत्थर खदान का एक बार फिर स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध किया है। उत्खनन के लिए माइंस में किए जाने वाले ब्लास्टिंग से परेशान गोलगो और बेलवाना के दर्जनों ग्रामीण रविवार को बेलवाना पत्थर खदान पहुंचे। जहां मुखिया प्रतिनिधि उमर फारुख के नेतृत्व में इलियास अंसारी, शामसिर आलम समेत भारी भारी संख्या में ग्रामीणों ने लीजधारक सज्जन पचिसिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी व विरोध किया। हालांकि इस दौरान वहां कोई भी खदानकर्मी या मजदूर नहीं था, केवल गाड़ियां खड़ी थी।

गिरिडीह में पत्थर उत्खनन का विरोध

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क किनारे हो रहे पत्थर उत्खनन के कारण ही बेलवाना से मनसाडीह जाने वाली मुख्य सड़क जर्जर हो गई थी। उक्त खदान में किए गए हेवी ब्लास्ट से सड़क का कई हिस्सा जर्जर हो कर धंस गया था। विरोध स्वरूप इस खदान को कुछ समय के लिए बंद किया गया था। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री सह स्थानीय विधायक बाबूलाल मरांडी के प्रयास से पुनः इस सड़क का जीर्णोद्धार हो पाया है। अब दोबारा से खदान संचालन किया जा रहा है, जिससे नवनिर्मित इस सड़क के भी जल्द ही क्षतिग्रस्त होने की पूरी संभावना है।

इस बाबत मुखिया प्रतिनिधि उमर फारुख ने कहा कि उक्त खदान में किए जा रहे उत्खनन के कारण आसपास के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। ब्लास्टिंग से होने वाली आवाज से डर कर बच्चे बेहोश हो जाते हैं। साथ ही खदान से निकलने वाले धूल कण आसपास के खेतों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने बताया कि सज्जन पचिसिया के नाम से खदान का लीज है।

खदान में उत्खनन के दौरान हुई थी मजदूर की मौत

वहीं वर्ष 2018 में इस खदान में उत्खनन के दौरान संझला हेंब्रम नामक मजदूर की मौत हो गई थी। उनकी पत्नी मुन्नी मुर्मू ने बताया कि घटना के बाद संचालक द्वारा चार लाख रुपये नगद समेत उनके पुत्र की पढ़ाई और जब तक खदान का संचालन होगा तब तक चार हजार रुपये प्रति माह दिए जाने की बात तय हुई थी। उन्हें चार लाख रुपये तो मिले, लेकिन न ही बच्चे की पढ़ाई का खर्च और न ही तय की गई प्रतिमाह राशि दी गई। वहीं इस संबंध में लीजधारक एस. पचिसिया से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनके पास खदान संचालन का लीज है। बावजूद इसके कुछ लोगों द्वारा उन्हें तंग किया जा रहा है। वे इस संबंध में प्रशासनिक स्तर पर बात करेंगें। वहीं मजदूर की मृत्यु के बाबत उन्होंने कहा कि तय मुआवजा दिया जा चुका है। इस संबंध में गिरिडीह डीएमओ से फोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका है।

सागर गुप्ता की रिपोर्ट

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