पटना : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल एंड अस्पताल में महिला डॉक्टर से दरिंदगी के विरोध में हड़ताल कर रहे पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच और एम्स के जूनियर डॉक्टर सुप्रीम कोर्ट के अपील के बाद गुरुवार को काम पर लौट आए। हड़ताल टूटन से अस्पतालों में ओपीडी सेवा सामान्य हो गई, जिससे मरीजों के चेहरे पर खुशी भी देखने को मिली। पीएमसीएच (1402), एनएमसीएच (2021) और पटना एम्स में करीब 3500 मरीजों को ओपीडी में देखा गया। दो दर्जन से ज्यादा ऑपरेशन भी पीएमसीएच में हुए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का बड़ा असर देखने को मिला। आठ दिनों से कार्य वहिष्कार कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है।
आपको बता दें कि बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में सीनियर डॉक्टर के साथ जूनियर ने भी ओपीडी में सेवा दी। इससे पहले आईजीआईएमएस में रेजिडेंट डॉक्टरों ने बुधवार की देर शाम को हड़ताल समाप्त कर कार्य पर लौटने की घोषणा की थी। गुरुवार को आईजीआईएमएस में 3452 मरीजों को ओपीडी में देखा गया जबकि 48 ऑपरेशन किए गए। वहीं पटना एम्स में मंगलवार से ही सीनियर डॉक्टरों ने ओपीडी के कमान संभाल ली थी। जूनियर डॉक्टरों ने मरीजों के हित में हड़ताल तोड़ने की घोषणा की।
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इंसाफ और इलाज नहीं रोक सकते – SC
मरीजों की दिक्कतों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। कोर्ट ने कहा कि इंसाफ और इलाज को रोक नहीं सकते। अपील के बाद 11 दिनों से हड़ताल कर रहे डॉक्टर काम पर लौटे। कोर्ट ने भरोसा दिया कि यदि वे काम पर लौटते हैं तो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
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विवेक रंजन की रिपोर्ट