रांची में लगातार बारिश से सब्जियों की किल्लत, दाम 50% तक बढ़े। किसानों को भारी नुकसान, थाली से हरी सब्जियां गायब, लोग दाल-सूखी सामग्री पर निर्भर।
रांची: रांची और आसपास के ग्रामीण इलाकों में लगातार हो रही बारिश ने किसानों और आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है। खेतों में पानी भरने से सब्जियां बर्बाद हो रही हैं, जिससे थोक और खुदरा बाजारों में आवक घट गई है। कीमतें 30 से 50 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं और आलू-प्याज को छोड़कर अधिकांश हरी सब्जियां 40 रुपये किलो के पार बिक रही हैं।
Key Highlights
लगातार बारिश से रांची और आसपास के खेतों में पानी भर गया
सब्जियों की आवक घटी, खुदरा कीमतें 30–50% तक बढ़ीं
किसानों को प्रति एकड़ 35,000 रुपये तक का नुकसान
आलू-प्याज छोड़ बाकी सब्जियां 40 रुपये किलो से ऊपर
नयी फसल की बुआई बारिश के कारण रुक गई
किसानों को भारी नुकसान
ओरमांझी, नगड़ी, नामकुम, बेड़ो, इटकी, कांके, बुंडू और अन्य क्षेत्रों के खेतों में लौकी, भिंडी, बैंगन, टमाटर, पत्तेदार सब्जियाें पूरी तरह खराब हो गई हैं। प्रगतिशील किसान दिलेश्वर साहू ने बताया कि प्रति एकड़ लगभग 35,000 रुपये का नुकसान हुआ है। नयी फसल की बुआई भी बारिश के कारण रुक गई है।
सब्जियों की आसमान छूती कीमतें
सफेद आलू: 20 रुपये किलो
लाल आलू: 25 रुपये किलो
प्याज: 30 रुपये किलो
करेला: 40–50 रुपये किलो
भिंडी, बैंगन, टमाटर, झिंगुनी: 50 रुपये किलो
फूलगोभी, फ्रेंचबीन: 60 रुपये किलो
आम लोगों की थाली पर असर
स्थानीय निवासी अब दाल और सूखी सामग्री पर ज्यादा निर्भर हो रहे हैं। बरियातू की गृहिणी शीतल सिन्हा ने कहा कि पहले सप्ताह में चार-पांच सब्जियां खरीदते थे, अब मुश्किल से दो ही ले पा रहे हैं।
आपूर्ति बाहरी राज्यों से
वर्तमान में रांची के बाजारों में बिहार, बेंगलुरु और पश्चिम बंगाल से सब्जियों की आपूर्ति हो रही है। विक्रेताओं का कहना है कि जब तक खेत सूख नहीं जाते और नयी फसल तैयार नहीं हो जाती, तब तक स्थिति सामान्य नहीं होगी।
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