पेपर लीक का साक्ष्य निकला खाली: जेएसएससी ने जांच के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया

पेपर लीक का साक्ष्य निकला खाली: जेएसएससी ने जांच के लिए अभ्यर्थियों को बुलाया

रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा 21 और 22 सितंबर को आयोजित सामान्य स्नातक स्तर संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल) एक बार फिर विवादों में है। परीक्षा में पेपर लीक, प्रश्न रिपीट और बुकलेट वितरण में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं, जिसके विरोध में अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं। इन आरोपों को लेकर कुछ अभ्यर्थियों ने आयोग को एक सीडी, पेन ड्राइव और 54 पृष्ठों का डॉक्यूमेंट साक्ष्य के रूप में सौंपा था।

हालांकि, जेएसएससी के अनुसार, दी गई सीडी को जांचने पर वह खाली (ब्लैंक) पाई गई है। इस पर आयोग ने आरोप लगाने वाले अभ्यर्थियों को 30 सितंबर को आयोग कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। आयोग ने उन्हें साक्ष्यों का मूल स्रोत लाने को कहा है, ताकि साक्ष्यों की सत्यता की जांच की जा सके।

इधर, राजभवन की पहल पर जेएसएससी ने लगे आरोपों की जांच के लिए एक दो सदस्यीय कमेटी गठित की है, जिसमें संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी और उपसचिव अरविंद कुमार लाल शामिल हैं।

साथ ही, हजारीबाग डीसी को भेजे गए पत्र में आयोग ने हिंदू हाईस्कूल हजारीबाग के कमरा संख्या-4 में एक पुलिस अधिकारी द्वारा एक लड़की को उत्तर लिखवाने की शिकायत पर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी है। रांची डीसी को भी प्रोजेक्ट हाईस्कूल बेड़ो के केंद्र में फर्स्ट सिटिंग में थर्ड पेपर की जगह सेकेंड पेपर का वितरण और आंसर बुकलेट मुफ्त में देने की घटना की रिपोर्ट 24 घंटे में देने के लिए कहा गया है।

गौरतलब है कि जनवरी में हुई सीजीएल परीक्षा भी पेपर लीक के कारण रद्द कर दी गई थी। एसआईटी ने पेपर लीक के सरगना की पहचान कर ली है और जांच जारी है। इन घटनाओं ने आयोग की परीक्षा प्रक्रिया और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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