Desk. ऑनलाइन खाना ऑर्डर करने वालों के लिए बुरी खबर है। Zomato, Swiggy और Magicpin जैसे प्रमुख फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स ने प्लेटफॉर्म फीस में भारी बढ़ोतरी कर दी है। ये फैसला हाल ही में हुई GST काउंसिल की 56वीं बैठक में ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स डिलीवरी सर्विस पर 18 प्रतिशत GST लागू होने के ऐलान के बाद आया है।
क्या है नया GST नियम?
3 सितंबर 2025 को हुई GST Council Meeting में यह निर्णय लिया गया कि अब ई-कॉमर्स डिलीवरी सर्विसेज पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। यह नया टैक्स 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होगा। इससे पहले ये सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर थी।
Swiggy-Zomato ने बढ़ा दिए प्लेटफॉर्म चार्जेस
GST लागू होने से पहले ही जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Swiggy) ने अपने प्लेटफॉर्म शुल्क में इजाफा कर दिया है।
प्लेटफॉर्म नया प्लेटफॉर्म शुल्क
- Swiggy: 15 रुपये (GST समेत)
- Zomato: 12.50 रुपये (GST छोड़कर)
- Magicpin: 10 रुपये प्रति ऑर्डर
जानकारी के अनुसार, 18 प्रतिशत GST लागू होने से Swiggy और Zomato पर लगभग 180-200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त टैक्स बर्डन पड़ेगा। इससे प्लेटफॉर्म्स के मार्जिन और मुनाफे पर असर पड़ेगा। कंपनियों को डिलीवरी शुल्क माफ करने की रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है।
ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली के मुताबिक, यह नया टैक्स नियम फूड डिलीवरी सेक्टर के रेवेन्यू मॉडल को जटिल बना देगा और लंबे समय में बिजनेस स्ट्रेटेजी में बदलाव ला सकता है।
ग्राहकों के लिए क्या बदलेगा?
हर ऑर्डर पर अब अतिरिक्त शुल्क लगेगा। डिलीवरी फ्री या छूट वाले ऑफर में कटौती हो सकती है। त्योहारों में फूड डिलीवरी का खर्च बढ़ेगा।
नया नियम कब से लागू होगा?
नया GST टैक्स 22 सितंबर 2025 से लागू होगा। ग्राहक को हर ऑर्डर में अतिरिक्त 18 प्रतिशत टैक्स और बढ़ा हुआ प्लेटफॉर्म चार्ज चुकाना होगा। अगर आप भी त्योहारों में Swiggy या Zomato से खाना मंगाने का प्लान बना रहे हैं, तो अब आपको अपनी जेब थोड़ी और ढीली करनी होगी। सरकार के नए GST फैसले से ऑनलाइन फूड डिलीवरी महंगी हो गई है और इसका सीधा असर आम ग्राहकों पर पड़ेगा।
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