डिजीटल डेस्क : देश में किसानों को बिना गारंटी मिलेगा 2 लाख का लोन। देश में किसान आंदोलनरत हैं। इस बीच सरकार ने किसानों को बड़ी सौगात और राहत देने की पहल की है। भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के किसानों को बिना गारंटी के ही 2 लाख रुपये तक लोन देने का फैसला लिया है।
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रिजर्व बैंक ने यह फैसला महंगाई और कृषि में उपयोग होने वाले कच्चे माल की लागत में वृद्धि को देखते हुए लिया है। अभी तक बिना गारंटी एग्री लोन की सीमा 1.60 लाख रुपये थी।
किसानों के हित में रिजर्व बैंक जारी कर रहा सर्कुलर…
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने अपने नवीनतम आर्थिक नीति (मॉनीटरी पॉलिसी) में किसानों को बड़ी राहत दी है। इसके तहत भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बढ़ती महंगाई से किसानों को राहत देने के लिए बिना गारंटी के अब 2 लाख रुपये तक का लोन मुहैया कराने की घोषणा कर दी है।
इस संबंध में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा कि इस बाबत सर्कुलर जल्द ही जारी किया जाएगा। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि गारंटी फ्री एग्री लोन की सीमा को 1.6 लाख रुपए से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने का निर्णय लिया गया है। इससे वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेने को लेकर छोटे और सीमांत किसानों का दायरा बढ़ेगा।
बता दें कि आरबीआई ने 2010 में कृषि क्षेत्र को बिना किसी गारंटी के एक लाख रुपये देने की सीमा तय की थी। बाद में वर्ष 2019 में इसे बढ़ाकर 1.60 लाख रुपये कर दिया गया था।

नकदी बढ़ाने के लिए आरबीआई ने नहीं किया रेपो रेट में 11वीं बार कोई बदलाव…
इससे पहले आरबीआई ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव ना करने का फैसला लिया। इसका मतलब है कि रेपो रेट 6.5 फीसदी पर कायम रहेगा। दूसरी ओर सरकार ने कैश रिजर्व रेश्यो में कटौती करते हुए 4 फीसदी पर कर दिया है जिससे देश के बैंकों को 1.16 लाख करोड़ रुपये का बूस्ट मिलेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पांचवीं मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग में लगातार 11वीं बार पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान का प्रतिशत घटाया…
केंद्रीय बैंक ने सीआरआर (कैश रिजर्व रेश्यो) को 4.5 फीसदी से घटाकर चार फीसदी कर दिया। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि सीआरआर के तहत वाणिज्यिक बैंकों को अपनी जमा का एक निर्धारित हिस्सा नकद भंडार के रूप में केंद्रीय बैंक के पास रखना होता है।
इसके साथ ही आरबीआई ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 4.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।