पटना: बिहार में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण कार्य का विपक्षी पार्टियां जोरशोर से विरोध कर रही हैं। विपक्षी पार्टियों ने विरोध में बुधवार को बिहार बंद का आह्वान किया है। बिहार बंद के पूर्व संध्या पर मंगलवार को बिहार के विभिन्न जिलो में विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मार्च किया। इस दौरान नेताओं ने चुनाव आयोग पर गलत निर्णय लेकर बिहार चुनाव में भाजपा और जदयू समेत एनडीए को फायदा पहुँचाने का आरोप लगाया।
विपक्षी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं ने राजधानी पटना समेत गयाजी, पूर्वी चंपारण, बांका, भोजपुर समेत अन्य जिलों में विरोध मार्च किया। इस दौरान भोजपुर में भाकपा – माले जिला सचिव जवाहरलाल सिंह ने कहा कि बिहार में गरीबों-वंचितों को मताधिकार से वंचित करने की साजिश के खिलाफ चुनाव आयोग के द्वारा दलित–पिछड़े–अकलियतों की वोटबंदी के खिलाफ व चार श्रम कोड लाने समेत अन्य मांगो को लेकर 9 जुलाई को अखिल भारतीय हड़ताल के अवसर पर संपूर्ण बिहार सहित भोजपुर का चक्का जाम रहेगा।
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वहीं बांका में राजद नेताओं ने चुनाव आयोग के निर्णय को तुगलकी फरमान बताया। इसके साथ ही मोतिहारी के छौड़ादानो में पूर्व बिधि एव कानून मंत्री शमीम अहमद अपने समर्थकों के साथ मशाल जुलूस लेकर निकाला और विरोध प्रकट किया। इस दौरान पूर्व विधि मंत्री ने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण एक साजिश है और इस साजिश के तहत गरीबों की वोट बंदी करने के लिए चुनाव आयोग लगातार काम कर रही है।
चुनाव आयोग केंद्र सरकार कके इशारे पर काम कर रही है और गरीबों को मतदाता सूची से हटाने की एक बड़ी षड्यंत्र की जा रही है ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में मतदाता को मतदान करने से वंचित रखा जाए। मतदाता सूची पुनरीक्षण के विरोध में महागठबंधन के नेताओं ने गयाजी के अंबेडकर पार्क से मशाल जुलूस निकाला, इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। राजद सांसद डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मतदाता सूची निरीक्षण कार्य का महागठबंधन पुरजोर विरोध करता है। यह कहीं से सही नहीं है। सरकार मनमानी करने पर उतारू हैए सरकार नहीं चाहती की आम मतदाता अपने मत का प्रयोग करें।
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