जीएसटी यानी जीने के लिए सांसों पर टैक्स- सुप्रियो भट्टाचार्य

Ranchi- झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने जीएसटी का नया नामांकरण किया है, सुप्रियो भट्टाचार्य ने जीएसटी को ‘जीने के लिए सांसों पर टैक्स’  बताते हुए कहा है कि अब रोजमर्रा की वस्तुओं रोटी, दूध, दही पर भी 5 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होगा.

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि अजीब स्थिति है कि रोटी खाने के लिए 5 फीसदी और विलासिता की वस्तुओं पर 1.5 फीसदी जीएसटी रखा गया है. जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां अब टैक्स नहीं है,  हालत यह हो गयी है कि जो छात्र लॉज में रह कर पढ़ाई करते है, अब उनको  भी टैक्स का भुगतान करना होगा.  

धर्म-जाति के नाम पर बांट कर देश को लूटा जा रहा है-झामुमो महासचिव

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आखिर यह देश की दिशा की ओर बढ़ रहा है, हजारों हजार करोड़ रुपये का बैंक फ्रॉड करने वाले पैसे के साथ देश को छोड़ कर आराम से चले जा रहे हैं. लेकिन दूसरी ओर देश को जाति और मजहब बांटा जा रहा है. केंद्र सरकार में थोड़ी भी  संवेदना शेष है तो उसे जीने के लिए एक न्यूनतम मानक बनाना चाहिए, ताकि लोग जी सकें, लोगों के सामने घुट घुट कर मरने की स्थिति पैदा नहीं हो.

रिपोर्ट- करिश्मा

कांग्रेस कार्यालय में बैठकर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कांग्रेस को दिया धन्यवाद

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