जहानाबाद: बिहार में रोजगार के अभाव में लोग मजदूरी करने दूसरे प्रदेशों में जाते हैं और कई बार मुश्किलों में भी फंस जाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ जहानाबाद और गया के करीब 75 मजदूरों के साथ जो मजदूरी करने अपने घर से चले थे और गोरखपुर में बंधुआ मजदुर बन कर रह गए। मामले की सूचना पर एक स्वयंसेवी संस्था ने प्रशासन की मदद से सभी को बंधनमुक्त कराया और फिर वापस उनके घर पहुंचाया।
मिली जानकारी के अनुसार जहानाबाद और गया के रहने वाले करीब 75 लोग अपने परिवार के साथ मजदूरी करने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला के जैतपुर पहुंचे। जहां उन्हें ईंट भट्ठे पर मजदूरी का काम मिला।
शुरुआत में तो सब कुछ ठीक ठाक रहा लेकिन उसके बाद मजदूरी मिलना बंद हो गया। मजदुर जब अपनी मजदूरी मांगते तो बदले में उन्हें पिटाई मिलती। ईंट भट्ठे का मालिक सभी मजदूरों पर जुल्म करना शुरू कर दिया और न तो उन्हें अपने घर जाने दे रहे थे और न ही मजदूरी। मजदूरों ने किसी तरह अपनी बात अपने परिजनों तक पहुंचाई और परिजनों ने फिर एक सामाजिक संस्था को बताई।
मामले की जानकारी के बाद सामाजिक संस्था ने जहानाबाद जिलाधिकारी और श्रम विभाग से संपर्क कर मजदूरों को बंधन मुक्त कराने की कोशिश में जुट गई और फिर कोशिशों का परिणाम रहा कि सभी मजदूरों को बंधन मुक्त करा लिया गया। मजदूरों ने बताया कि वे अपनी जीविका के लिए अन्य प्रदेशों में जा कर रोजगार की तलाश करते हैं। लेकिन अब मजदूरी तो दूर अपनी जान की चिंता सताने लगी है।
जहानाबाद से गौरव सिन्हा की रिपोर्ट
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