Hampi koneru ने दूसरी बार विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप जीतकर रचा इतिहास

Hampi koneru

डिजिटल डेस्क: Hampi koneru ने दूसरी बार विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप जीतकर रचा इतिहास। भारत की महिला चेस खिलाड़ी Hampi koneru एक बड़ा कारनामा कर दिया है। भारत की Hampi koneru ने इंडोनेशिया की इरीन सुकंदर को हराकर यह खिताब जीता है। 37 वर्षीय हम्पी कोनेरु ने इतिहास रच दिया है।

महिला चेस खिलाड़ी ने विश्व रैपिड शतरंज खिताब अपने नाम कर लिया है। खास बात यह है कि इस खिताब पर हम्पी ने दूसरी बार कब्जा जमाया है।

प्रधानमं6ी नरेंद्र मोदी ने दी चैंपियन Hampi koneru को बधाई

Hampi koneru को ऐतिहासिक जीत पर देशभर से उन्हें बधाई और शुभकामनांए मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें विश्व चैंपियन बनने की बधाई दी है। भारत की Hampi koneru ने दूसरी बार इस खिताब पर कब्जा किया है। पहली बार Hampi koneru ने विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप 2019 में जॉर्जिया में जीती थी। अब पांच साल बाद फिर से उन्होंने इतिहास दोहरा दिया है।

हम्पी कोनेरु
हम्पी कोनेरु

विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप दूसरी बार जीतने के यह बोलीं Hampi koneru…

दूसरी बार विश्व रैपिड खिताब अपने नाम करने के बाद Hampi koneru ने खुशी जाहिर की। Hampi koneru ने कहा, ‘मैं बहुत खुश और उत्साहित हूं क्योंकि यह मेरा दूसरा विश्व रैपिड खिताब है। मैं 2019 में भी जीती थी। अपने करियर में, जब भी मैं निचले स्तर पर होती हूं और सोचती हूं कि मैं हार रही हूं, तो कुछ चमत्कार होता है और मैं वापस आ जाती हूं। इससे मुझे आगे लड़ते रहने करने की प्रेरणा मिलती है’।

हम्पी कोनेरु
हम्पी कोनेरु

शतरंज चैंपियनशिप साल 2024 में भारत के लिए रहा शानदार, पहले डी गुकेश और अब Hampi koneru का धमाल

साल 2024 शतरंज चैंपियनशिप के क्षेत्र में भारत के लिए यादगार साबित हो गया है। वर्ष 2024 के अंत में भारत की महिला चेस खिलाड़ी Hampi koneru एक बड़ा कारनामा कर दिया तो इससे पहले हाल ही में भारत के 18 वर्षीय चेस खिलाड़ी डी गुकेश वर्ल्ड चैम्पियन बने थे।

हम्पी कोनेरु
हम्पी कोनेरु

अब 37 वर्षीय Hampi koneru  ने इतिहास रचते हुए दूसरी बार इस खिताब पर कब्जा जमाया है। विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप के महिला वर्ग में जहां भारत की Hampi koneru ने अपना जलवा बिखेरा तो पुरुष वर्ग में वोलोदर मुर्जिन ने इतिहास रच दिया।

रूस के वोलोदोर महज 18 साल की उम्र में विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन बन गए। वे नोदिरबेक अब्दुसत्तोरोव के बाद ये खिताब अपने नाम करने वाले दूसरे सबसे युवा खलाड़ी हैं।

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