Hathras Stampede Update : हादसे पर भोले बाबा का पहला बयान- ‘मैं भगदड़ से बहुत पहले निकल गया था, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता को नियुक्त किया वकील’

स्वयंभू संत भोले बाबा का हाथरस हादसे पर पहला बयान सामने आया है। उन्होंने समागम के दौरान मरने वालों के प्रति संवेदना जताई है।

डिजीटल डेस्क : Hathras Stampede Update : हादसे पर भोले बाबा का पहला बयान– ‘मैं भगदड़ से बहुत पहले निकल गया था’। स्वयंभू संत भोले बाबा का हाथरस हादसे पर पहला बयान सामने आया है। उन्होंने समागम के दौरान मरने वालों के प्रति संवेदना जताई है। इसके साथ ही यह सफाई दी है कि वह समागम में भगदड़ होने से बहुत पहले ही निकल चुके थे। लिखित बयान जारी कर बाबा ने यह भी बताया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एपी सिंह को अधिकारिक तौर पर अपना वकील नियुक्त किया है।

बाबा ने लिखा – सत्संग के बाद अराजकतत्वों के कृत्य पर कानूनी कार्रवाई को वकील अधिकृत किया

सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा ने लिखित बयान जारी कर कहा है कि हम मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रभु से प्रार्थना करते हैं। उन्होंने ये भी लिखा है कि जब समागम में भगदड़ हुई, उस वक्त वह वहां नहीं थे। वह तो पहले ही वहां से निकल चुके थे। इस लिखित बयान में भोले बाबा ने ये भी बताया कि समागम और सत्संग के बाद अराजकतत्वों ने जिस तरह का काम किया है, उन पर कानूनी एक्शन के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एपी सिंह को आधिकारिक तौर पर अधिकृत किया है। हाथरस हादसे के बाद स्वयंभू संत भोले बाबा पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। यूपी के डीजीपी ने एक फैक्ट फाइडिंग टीम बनाई है। खासतौर से मैनपुरी एटा, कासगंज, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, फिरोजाबाद, इटावा और आगरा के एसपी, एसएसपी और कमिश्नर को जिम्मेदारी दी गई कि वह अपने जिलों में सेवादारों से बात करें। इनसे बातचीत के साथ बाबा के काम काज, उनके आश्रम, फंडिंग और उनके मददगारों के बारे में जानकारी जुटाने को कहा गया है।

हादसे के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव का यह पोस्ट वायरल हो रहा है।
साल भर पहले भोले बाबा के कार्यक्रम में मौजूद अखिलेश यादव की फोटो जो उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी

हाथरस हादसे के बाद बाबा के जयकारे वाला अखिलेश यादव का पुराना पोस्ट वायरल

हाथरस हादसे के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव का एक पोस्ट वायरल हो रहा है। यह पोस्ट अखिलेश ने 3 जनवरी 2023 को किया था। बाबा के सत्संग में पहुंचने के बाद उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा था, नारायण साकार हरि की संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय जयकार हो। हादसे के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव का यह पोस्ट वायरल हो रहा है। ये पोस्ट अखिलेश ने बीते साल 2023 में किया था। तब बाबा सूरज पाल सिंह के सत्संग में हाजिरी लगाने के बाद 3 जनवरी 2023 को अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया था। उसमें उन्होंने कार्यक्रम से जुड़ी चार तस्वीरें भी उसी पोस्ट में शेयर की थीं।

हाथरस में भी भोले बाबा के लोगों ने प्रशासन को गुमराह किया और आयोजन से संबंधितसही जानकारी नहीं दी।
हाथरस हादसे से पहले सत्संग में मौजूद श्रद्धालुओं की भीड़ का दृश्य

इटावा नहीं तो हाथरस ही सही, इजाजत नहीं मिलने पर बाबा ने बदली थी जगह

उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू संत भोले बाबा के मंगल मिलन समागम को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। स्वयंभू संत भोले बाबा अपना संत समागम पहले इटावा में करना चाहता था। इसके लिए जगह भी फाइनल कर लिया और डीएम के दफ्तर में अनुमति की फाइल भी लगा दी। हालांकि तकनीकी खामियों का हवाला देते हुए इटावा के डीएम ने उस आयोजन के लिए अनुमति ही नहीं दी। ऐसे में आनन फानन में यह कार्यक्रम हाथरस में लगाया गया। यहां 2 जुलाई को समागम हुआ, जहां भगदड़ मचने से उनके 121 अनुयायियों की जान चली गई। इटावा प्रशासन के मुताबिक भोले बाबा के सहयोगियों ने पहले इटावा में समागम करने की योजना बनाई थी। उसके लिए उन्होंने डीएम इटावा के दफ्तर में अनुमति के लिए आवेदन भी किया था। उसमें 2 जुलाई को प्रस्तावित कार्यक्रम में करीब 50 हजार लोगों के जमा होने की बात कही थी। उसके अलावा समागम में आने वाले लोगों की सुरक्षा वालंटियर्स से कराने का दावा किया गया था। हालांकि इटावा प्रशासन ने जब इस आवेदन की जांच कराई तो कई सारी खामियां मिली। उसके बाद डीएम इटावा ने भोले बाबा के आवेदन को खारिज कर दिया। ऐन वक्त पर आवेदन खारिज होने के बाद भोले बाबा ने आसपास के किसी अन्य जिले में इस समागम को आयोजित करने की जिम्मेदारी अपने बेहद खास सेवादार देवप्रकाश मधुकर (इंजीनियर) को दी। देवप्रकाश ने भी अपने संपर्कों का इस्तेमाल करते हुए आनन फानन में यह आयोजन हाथरस में रखवा दिया। हालांकि हाथरस में भी भोले बाबा के लोगों ने प्रशासन को गुमराह किया और आयोजन से संबंधितसही जानकारी नहीं दी।

हाथरस प्रशासन को भोले बाबा के आश्रम वालों ने आयोजन संबंधी भ्रामक जानकारियां दीं

हाथरस में भी डीएम को दिए आवेदन में 80 हजार लोगों की भीड़ जमा होने की बात कही गई थी। वहां सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने का भी दावा किया। उसी के चलते पुलिस भी लापरवाह बनी रही। यहां तक कि पुलिस की गुप्तचर संस्था एलआईयू को भी भनक नहीं लगी कि कब और कहां से इतनी बड़ी भीड़ कार्यक्रम में पहुंच गई। जुलाई महीने के पहले मंगलवार को हाथरस में आयोजित स्वयंभू संत भोले बाबा के समागम के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई जबकि दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सौ से अधिक लोगों को इस कार्यक्रम में हल्की फुल्की चोटें आई है। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। यह हादसा उस समय हुआ, जब भोले बाबा अपने प्रवचन के बाद पंडाल से निकल रहे थे। बताया जा रहा है कि उस समय उनके पैरों की धूल माथे से लगाने के चक्कर में उनके फॉलोवर्स की भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई। देखते ही देखते माहौल ऐसा बन गया कि लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ कर निकलने लगे।

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