IAS बनने के सपने देखने वाली अंबा (Amba Prasad) ने कैसी की झारखंड की सियासत में एंट्री ?

IAS बनने के सपने देखने वाली अंबा (Amba Prasad) ने कैसी की झारखंड की सियासत में एंट्री ?

रांची: 27 साल की अंबा प्रसाद (Amba Prasad) 2019 में सबसे कम उम्र में विधायक बनने का इतिहास रचा. आजसू के प्रत्याशी रौशन लाल चौधरी को लगभग 30 हजार वोटों से हराने के बाद अंबा प्रसाद ने विधायिकी जीती थी.

अंबा (Amba Prasad)  IAS बनना चाहती थी, दिल्ली में कोचिंग कर रही थी लेकिन पिता के ऊपर गंभीर राजनीतिक आरोप लगने के बाद IAS की पढ़ाई बीच में छोडकर उन्हें दिल्ली से रांची लौटना पड़ा था.

अबा प्रसाद (Amba Prasad)  के पिता योगेंद्र प्रसाद ने 2009 में बड़कागांव से विधायिकी जीती थी और हेमंत सरकार में मंत्री बने थे लवेकिन 2014 में नक्सलियों से संबंध होने के खुलासे के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. उन्हें एनटीपीसी प्रोजेक्ट क खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के खिलाफ जेल जाना पड़ा था.

अम्बा प्रसाद
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योगेंद्र प्रसाद के जेल जाने के बाद उसी विधानसभा सीट से अंबा की मां 2014 में विधायिकी का चुनाव लड़ा और जीती. लेकिन 2016 में हुए एक गोलीकांड में पुलिस नें उन्हें गिरफ्तार कर लिया उस समय स्थानीय लोगों के साथ पुलिस का काफी लंबा विवाद चला.

हिंसक संघर्ष में गांव वालों ने अंबा की मां को पुलिस कस्टडी से छुड़वा लिया था, जिसके बाद अंबा प्रसाद की मां को तड़ीपार कर दिया था. सियासी विरासत को संभालने के लिए अंबा रांची आई और विधायक के रुप में झारखंड विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया.

अंबा प्रसाद (Amba Prasad) के शिक्षा की बात करें तो मैट्रिक की परीक्षा अंबा ने 2007 में कारमेल पब्लिक स्कूल नई दिल्ली से पास किया. 2009 में डीएवी स्कूल हजारीबाग से 12वीं की परीक्षा पास की एवं 2014 में जेवियर इंस्टीट्यूट से ग्री हासिल की फिर 2017 में विनोवा भावे विश्वविद्यालय से एलएलबी की.

 

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