रांची: रांची के किसान इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, क्योंकि उन्हें अपनी सब्जियों की लागत भी नहीं मिल रही है। फूल गोभी, पत्ता गोभी और टमाटर की अधिक उपज के कारण इनकी कीमतें गिर गई हैं और किसान इन्हें अपनी लागत से भी कम मूल्य पर बेचने को मजबूर हैं। वर्तमान में किसान फूल गोभी और पत्ता गोभी को थोक विक्रेताओं को मात्र 5 रुपये प्रति पीस की दर से बेच रहे हैं।
इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि रांची में इन सब्जियों की अधिक पैदावार हो गई है और अन्य राज्यों जैसे बिहार और बंगाल में भी इनकी भरपूर उपज हुई है। इस कारण इन राज्यों में रांची की सब्जियों की मांग कम हो गई है। उल्टे, बिहार और बंगाल से झारखंड में सब्जियों का आयात बढ़ गया है। इसी तरह, नेपाल और बांग्लादेश में भी इन राज्यों से ज्यादा सब्जियां भेजी जा रही हैं, क्योंकि वहां के मौसम ने अच्छी पैदावार दी है।
रांची में सब्जियों के भंडारण के लिए केवल तीन कोल्ड स्टोरेज हैं, जिनमें से प्रत्येक में एक बोरी सब्जी रखने का किराया 80 रुपये है। इसके कारण किसान अपनी उपज को कोल्ड स्टोरेज में रखने के बजाय उसे सस्ते दाम पर बेचने को मजबूर हैं। साथ ही, कोल्ड स्टोरेज में सब्जियां 15 दिन से ज्यादा नहीं रखी जा सकतीं।
किसानों ने इस बार मौसम के अच्छे साथ को देखते हुए ज्यादा रोपाई की थी, लेकिन अब जब अधिक उपज हो गई है, तो कीमतों में गिरावट आ गई है, जिससे उनका नुकसान हो रहा है। रांची में अन्य राज्यों से महंगी सब्जियां आ रही हैं, जैसे सूरत से भिंडी, राजस्थान और बंगाल से गाजर, जबकि साउथ से सहजन की आपूर्ति भी हो रही है, जो स्थानीय सब्जियों के मुकाबले महंगे दामों पर बिक रही हैं।
किसानों का कहना है कि कोल्ड स्टोरेज की संख्या बढ़ाई जाए और किराया कम किया जाए, ताकि उन्हें बेहतर मूल्य मिल सके और उनकी मेहनत का सही मूल्य मिल सके।