मंजेश कुमारPM Modi
पटना: हिंदुत्व की राजनीति के लिए मशहूर भाजपा के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भागलपुर से हिंदू स्वाभिमान यात्रा पर निकल पड़े हैं। वे भागलपुर से भगवा वस्त्रों में एक बड़ी भीड़ के साथ गाजे बाजे से लैस हो कर अपनी यात्रा पर निकले हैं। गिरिराज सिंह ने अपनी यात्रा का मकसद हिन्दुओं में हिंदुत्व की भावना जगाना बताया है। उन्होने बीते कुछ दिन पहले किशनगंज, कटिहार समेत सीमांचल में हिंदू के अल्पसंख्यक होने की बात कह यात्रा पर निकलने की बात कही थी और आज वे अपनी यात्रा पर निकल भी पड़े हैं।
गिरिराज सिंह की यात्रा के बाद बिहार में सियासी बयानबाजियां भी खूब हुई। एक तरफ विपक्ष ने गिरिराज सिंह पर समाज को भड़काने का आरोप लगाया है तो दूसरी तरफ उनकी खुद की पार्टी भाजपा ने भी यात्रा से किनारा कर लिया और उनकी व्यक्तिगत यात्रा बताई। इधर दूसरी तरफ देखी जाए तो गिरिराज सिंह ने हिंदुत्व की राजनीति कर केंद्रीय मंत्री पद तक पहुंचे हैं और वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चहेते भी माने जाते हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने आरएसएस से किनारा कर राजनीति की थी जिसका परिणाम भी उसे क्षति के रूप में मिली। लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर भाजपा ने आरएसएस के साथ मिल कर राजनीति करना शुरू किया और प्रधानमंत्री के ‘बंटोंगे तो कटोगे’ के नारा के साथ हरियाणा में अप्रत्याशित जीत हासिल की।
आरएसएस का अजेंडा
आरएसएस का मुख्य अजेंडा हिन्दुत्वादी रहा है और यह संगठन के रूप में हिंदू और हिन्दुत्वाद को बढ़ावा देता रहा है। आरएसएस ने हमेशा ही देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की पैरवी की है। यह हमेशा ही भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देता रहा है और देश में बहुसंख्यक हिन्दू समुदाय को एकजुट हो कर मजबूत होने की विचारधारा पर काम करता है। आरएसएस का भाजपा की राजनीति में हस्तक्षेप रहा है और आरएसएस की वजह से भाजपा भी हिंदुत्ववादी राजनीति के लिए जानी जाती है।
प्रधानमंत्री मोदी के मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं गिरिराज सिंह
भाजपा ने भले ही गिरिराज सिंह की यात्रा को उनकी व्यक्तिगत यात्रा बताया है लेकिन माना जा रहा है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बंटोगे तो कटोगे’ के अजेंडा को हरियाणा में सफलता मिलने के बाद अब बिहार में बढ़ावा देना शुरू कर रहे हैं। गिरिराज सिंह की यात्रा भी सीमांचल क्षेत्रों में ही प्रस्तावित है जहां हिन्दू की संख्या में कमी होती जा रही है। गिरिराज सिंह की हिंदुत्ववादी राजनीति का ही प्रतिफल है कि वे मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाये जाते हैं और कहा जाता है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब भी अपनी इसी मिजाज की वजह से हैं।
भाजपा ने किया किनारा तो विजय सिन्हा का मिला साथ
हिन्दू स्वाभिमान यात्रा को लेकर बिहार में राजनीतिक बयानबाजी भी खूब हुई। बयानबाजियों के इस दौर में बिहार भाजपा ने सीधे तौर पर उनकी यात्रा से किनारा कर लिया और कहा कि यह उनकी निजी यात्रा है। वहीं दूसरी तरफ बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय सिन्हा ने कहा कि गिरिराज सिंह वे अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाने की मुहीम में निकले हैं। वे अपनी यात्रा के माध्यम से लोगों में सन्देश दे रहे हैं कि यह 1000 वर्षों का गुलाम भारत नहीं बल्कि स्वतंत्र भारत है जहां भारत में पैदा हुए लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। विजय सिन्हा ने कहा कि अपनी सांस्कृतिक विरासत बचाने के लिए हम लोग भी जल्दी अभियान चलाएंगे।
विपक्ष का हमला ‘बांट रहे हैं समाज को’
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की यात्रा को लेकर विपक्ष ने उनके ऊपर जम कर हमला बोला और कहा कि वे सामाजिक विद्वेष बढ़ाने के उद्देश्य से यात्रा पर जा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी गिरिराज सिंह की यात्रा को लेकर हमला किया और कहा कि वे समाज में नफरत फ़ैलाने के लिए जा रहे हैं। उन्हें और उनकी पार्टी को जनता आगामी विधानसभा में नकार देगी।
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