Jamshedpur : पूर्वी सिंहभूम जिले के जुगसलाई थाना क्षेत्र में एक आर्मी जवान के साथ पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी के मामले में थाना प्रभारी समेत आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई जोनल आईजी की जांच रिपोर्ट के बाद की गई है।
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घटना के बाद कोल्हान डीआईजी और जोनल आईजी अखिलेश झा ने जुगसलाई थाना पहुंचकर मामले की जांच की। जिसके बाद मामले में डीजीपी ने संज्ञान लेते हुए कार्रवाई का आदेश दिया। जमशेदपुर एसएसपी किशोर कौशल ने जुगसलाई थाना प्रभारी सचिन कुमार दास समेत आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
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Jamshedpur : जाने क्या है पूरा मामला
14 मार्च को होली के दिन जुगसलाई के एमई स्कूल रोड स्थित एक मंदिर के पास कपाली थाना प्रभारी के साथ कुछ स्थानीय युवकों का रंग लगाने को लेकर विवाद हो गया। इस विवाद में आर्मी में कार्यरत जवान सूरज राय और उनका चचेरा भाई विजय राय भी शामिल थे। जवान सूरज राय ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें और उनके भाई को थाने में ले जाकर न केवल गाली-गलौच की, बल्कि उनकी पिटाई भी की। सूरज ने बताया कि उन्होंने खुद को सेना का जवान बताने के बावजूद पुलिस ने उनकी बात नहीं मानी और उन्हें जेल भेज दिया।
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पूर्व सैनिकों ने जताई चिंता
इस घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सदस्य जुगसलाई थाना पहुंचे और घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। पूर्व सैनिकों का कहना था कि यदि जवान सूरज राय से कोई गलती हुई थी, तो इसे सेना के स्थानीय यूनिट और पुलिस हेडक्वार्टर को सूचित किया जाना चाहिए था, न कि बिना किसी उचित जांच के जवान को थाने में लाकर सजा दी जाती। पूर्व सैनिक परिषद के सदस्यों ने इसे पुलिस का गलत और अमानवीय व्यवहार करार दिया।
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जांच और निलंबन की कार्रवाई
इस मामले के सामने आने के बाद पूर्वी सिंहभूम जिला पुलिस मुख्यालय ने जांच शुरू की, जिसमें जोनल आईजी की रिपोर्ट के बाद आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। इनमें जुगसलाई थाना प्रभारी भी शामिल हैं। निलंबन की इस कार्रवाई से पुलिस प्रशासन में एक संदेश गया है कि इस तरह के व्यवहार को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा।
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निलंबित पुलिसकर्मियों में जुगसलाई थाना प्रभारी समेत अन्य सात पुलिसकर्मी शामिल हैं, जो इस घटना के समय जुगसलाई थाने में कार्यरत थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए निलंबन की कार्रवाई की गई है और आगे की जांच जारी रहेगी।
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सेना की तरफ से निष्पक्ष जांच की मांग
इस घटना के बाद भारतीय सेना और पूर्व सैनिक संगठन ने जवान सूरज राय के पक्ष में बयान दिया है। सेना ने यह स्पष्ट किया है कि जवानों के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार अस्वीकार्य है और किसी भी आर्मी जवान को उनके कर्तव्यों से वंचित करने की कोशिश को पूरी तरह से नकारा जाएगा। सेना की ओर से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जवानों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय न हो।
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