Jamatara– सरकारी आदेश और नियमावलियों को दरकिनार कर, वैसे सरकारी स्कूलो में जहां अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों की संख्या बहुलता है, शुक्रवार को छुट्टी करने की खबर सामने आयी है. बतलाया जा रहा है कि यह सब कुछ स्थानीय निवासियों और स्कूल प्रबंध कमेटी के फरमान पर हुआ है.
स्कूल प्रबंध कमेटी के फरमान पर शुक्रवार को छुट्टी
सरकारी आकंड़ों के अनुसार जिले के 1084 स्कूलों में से मात्र 15 सरकारी उर्दू स्कूल हैं. इन स्कूलों में सरकारी नियमावली के तहत शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश किया जा रहा है. लेकिन कई विद्यालय ऐसे भी हैं, जहां उर्दू की पढ़ाई नहीं होती और न ही वहां उर्दू के शिक्षक हैं. लेकिन इन स्कूलों में अल्पसंख्यक छात्रों की संख्या 70 फीसदी से ज्यादा है. इन स्कूलों में स्थानीय निवासी और स्कूल प्रबंध कमेटी के फरमान पर शुक्रवार को छुट्टी घोषित कर दी गयी है.
सामान्य स्कूलों पर लगा है उर्दू विद्यालय का बोर्ड
बात यहीं खत्म नहीं होती, बल्कि कई स्कूलों के बोर्ड पर उर्दू विद्यालय लिखा गया है. जबकि हकीकत में ये सारे स्कूल सामान्य स्कूल हैं. इसका एक उदाहरण करमाटांड़ प्रखंड का ऊपरभीठा प्राथमिक विद्यालय है. यह एक सामान्य स्कूल है, लेकिन यहां छुट्टी शुक्रवार को होती है. सतुआटांड और ऊपरभीठा गांव के कुछ ग्रामीणों का का कहना है कि एक वर्ग विशेष के द्वारा यहां मनमानी कर शुक्रवार को छुट्टी की जा रही है.
इन गांवों में भी हो रही है शुक्रवार को साप्ताहिक अवकाश
चंपापुर, पोखरिया, टोंगोडीह, राजाभीठा, नारोडीह, भगवानपुर, मंझलाडीह, बारादाहा, नावाडीह, अलगचुआ, करमाटांड़, कुरुवा, गोखुला, हरिहरपुर, चीरूडीह, बाबूडीह, जगदीशपुर, मिर्जापुर, आशाडीह, पहाड़पुर, डाभाकेंद, कोल्हरिया, बंदरचुवा, लखनूडीह, जेरुवा, टोपाटांड़, लकड़गढ़ा, आमजोरा, लंगड़ाटांड़ छिट, धपको, हरिहरपुर, हीरापुर के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में शुक्रवार को छुट्टी देने की खबर है. दावा किया जा रहा है कि इन स्कूलों की संख्या सौ से उपर है.