रांची: झारखंड विधानसभा सत्र के तीसरे दिन मीडिया से बात करते हुए जयराम महतो ने छात्र आंदोलन को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, “हमने पहले भी कहा था कि छात्र आंदोलन से हमारी पहचान बनी है, और हम सदन में भी छात्रों के मुद्दे को उठाएंगे, साथ ही सड़क पर भी छात्रों के साथ खड़े रहेंगे।” जयराम ने इस बात को खारिज किया कि छात्र आंदोलन को बीजेपी के इशारे पर देखा जा रहा है, और कहा कि यह एक स्वाभाविक जन आंदोलन है, जिसका विपक्ष से कोई लेना-देना नहीं है।
महतो ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्री छात्रों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करें। “सरकार को छात्रों से बातचीत करनी चाहिए और उन्हें संतुष्ट करना चाहिए। हम तो यह भी कह रहे हैं कि सरकार के लोग छात्रों से मिलें, उनसे समस्याओं पर बात करें, और समाधान निकालें।”
उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी के कई प्रत्याशी भी इस आंदोलन में घायल हुए हैं। हजारीबाग के प्रत्याशी उदय मेहता और महेंद्र प्रसाद मंडल, साथ ही पार्टी के संगठन महासचिव संजय मटों, जो चतरा से आते हैं, को लाठियों का सामना करना पड़ा। महतो ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि छात्रों के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर छात्रों के आक्रोश को सही तरीके से नहीं संभाला गया, तो यह सदन और सरकार के लिए भी समस्या पैदा कर सकता है। “हम नहीं चाहते कि छात्रों में आक्रोश बढ़े, क्योंकि इसका असर न केवल सदन पर, बल्कि राज्य पर भी पड़ेगा।”
अंत में, जयराम महतो ने यह भी कहा कि छात्रों के मुद्दे को लेकर विधानसभा में उनकी आवाज उठती रहेगी, और सरकार को छात्रों के साथ बेहतर व्यवहार करना चाहिए, बजाय इसके कि वे राजनीतिक गणित के कारण छात्रों की समस्याओं को नजरअंदाज करें।