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Sunday, October 12, 2025
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तेज हवा बहने से नाव असंतुलित होकर पलटी, 12 लोग तैरकर जान बचायी, 3 की मौत

मोतिहारी : मोतिहारी के लखौड़ा थाना क्षेत्र से होकर गुजरने वाली सिकरहना नदी के बांध पर एक नाव से एक नाविक समेत 15 लोग जानवर के लिए चारा काटने गए थे। जाने से पहले सत्यनारायण सहनी ने वीडियो बनाकर फेसबुक पर पोस्ट किया। उसके बाद बांध पर से मवेशी के लिए चारा लेकर वापस होने वक्त तेज हवा बहने से नाव असंतुलित होकर पलट गई। जिसमें 13 लोगों ने किसी तरह तैरकर जान बचाया और इसकी सूचना गांव वाले को दिया। जिसके बाद गांव वाले दूसरे नाव लेकर नदी में उतर गए और तलाशी शुरू कर दी।12 लोगों ने...

Dhanbad: आठ साल बाद राजनीति में वापसी करेंगे संजीव सिंह! सिंह मेंशन में भव्य स्वागत समारोह आयोजित

Dhanbad: झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह आज आठ साल बाद राजनीति में वापसी करने जा रहे हैं। इस खास मौके पर धनबाद के सरायढेला स्थित सिंह मेंशन में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उनके स्वागत को लेकर धनबाद से झरिया तक सैकड़ों बैनर और पोस्टर लगाए गए हैं और समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।Dhanbad: रिहाई के बाद पहली बार सार्वजनिक कार्यक्रम में होंगे शामिल संजीव सिंह पांच हत्याकांड, जिसमें उनके चचेरे भाई नीरज सिंह भी शामिल थे, उस केस से बरी होने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आ रहे हैं। बीते...

Big Breaking : NDA गठबंधन में सीट फॉर्मूला तय, सीटों का गणित जानिये…

दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव का ऐलान होते ही दोनों गठबंधनों में सीटों को लेकर खींचतान जारी है। इस बीच अभी थोड़ी देर पहले खबर आ रही है कि एनडीए गठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया है। एनडीए में शामिल भारतीय जनता पार्टी (BJP) 101, जनता दल यूनाइटेड (JDU) 101, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) 29, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) छह और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को छह सीटें दी गई है। एनडीए की तरफ से कल पटना में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी।सम्राट व विजय ने कहा- हम NDA साथियों ने सौहार्दपूर्ण वातावरण में सीटों का वितरण पूरा किया बिहार...

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का निधन, अपोलो अस्पताल में ली अंतिम सांस

रांची: झारखंड की राजनीति को 15 अगस्त की देर रात एक और बड़ा आघात लगा। राज्य के शिक्षा मंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के वरिष्ठ नेता रामदास सोरेन का निधन हो गया। वह 62 वर्ष के थे और बीते 2 अगस्त से दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती थे।

उनके बड़े पुत्र सुमेश सोरेन ने देर रात 10:46 बजे सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर जानकारी साझा की, जिसमें लिखा


“अत्यंत दुख के साथ सूचित कर रहा हूँ कि मेरे पिताजी अब हमारे बीच नहीं रहे।”

जैसे ही यह पोस्ट सामने आया, पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई।

बाथरूम हादसे के बाद बिगड़ी तबीयत

2 अगस्त को जमशेदपुर स्थित अपने आवास पर सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक के बाद जब रामदास सोरेन बाथरूम गए, तो अचानक फिसलकर गिर पड़े। गिरने से उनके सिर में गंभीर चोट लगी और दिमाग में ब्लड क्लॉट बन गया।

पहले उन्हें जमशेदपुर के टाटा मेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर परिवार ने उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली के अपोलो अस्पताल रेफर कराया। डॉक्टरों की एक विशेष टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही थी। 9 अगस्त को उनके ब्रेन ऑपरेशन की संभावना जताई गई थी, लेकिन उनकी नाजुक स्थिति और पुरानी बीमारियों के कारण सर्जरी टाल दी गई।

बीच-बीच में उनके स्वास्थ्य में सुधार की खबरें भी आईं, जिससे समर्थकों और शुभचिंतकों में उम्मीद जगी थी। लेकिन 15 अगस्त को दिन में अचानक उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ और देर रात तक तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके।

राजनीतिक सफर: पंचायत से मंत्री पद तक

रामदास सोरेन का राजनीतिक जीवन चार दशक से अधिक लंबा रहा। उन्होंने 1980 के दशक में पंचायत समिति सदस्य के तौर पर अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की।

  • झारखंड आंदोलन के दिनों में वे कोल्हान क्षेत्र में JMM के मजबूत स्तंभ रहे और कई बार आंदोलन के दौरान जेल भी गए।

  • घाटशिला विधानसभा से कई बार विधायक चुने गए और कोल्हान में JMM का चेहरा बनकर उभरे।

  • हेमंत सोरेन सरकार में उन्हें स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री बनाया गया।

शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने लगातार इस बात पर जोर दिया कि राज्य के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और निजी स्कूलों की मनमानी रोकी जाए। वे कहा करते थे कि “अभिभावक खुलकर सामने आएं, मैं कार्रवाई करने के लिए हमेशा तैयार हूँ।”

लगातार दो बड़े झटके: गुरुजी के बाद रामदास सोरेन

यह क्षति ऐसे समय आई है जब झारखंड और JMM परिवार पहले से ही गहरे शोक में था। 4 अगस्त को दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन हुआ था। उनकी मृत्यु के 12 दिन बाद ही अब रामदास सोरेन का जाना, पार्टी और झारखंड की राजनीति के लिए दोहरी क्षति साबित हुआ है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने X पर भावुक शब्दों में लिखा

“रामदास दा, आप ऐसे नहीं जा सकते।”

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, चंपाई सोरेन, बीजेपी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव और कई अन्य नेताओं ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है।

जनता के बीच लोकप्रिय चेहरा

रामदास सोरेन का राजनीतिक कद सिर्फ JMM तक सीमित नहीं था।

  • वे हमेशा जमीनी स्तर पर सक्रिय रहे और आमजन के सुख-दुख में शामिल होते थे।

  • शिक्षा सुधार को लेकर उनके विज़न ने उन्हें युवा और अभिभावकों के बीच लोकप्रिय बनाया।

  • कोल्हान क्षेत्र में उनकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि उन्हें वहां का बड़ा राजनीतिक चेहरा माना जाता था।

अंतिम संस्कार की तैयारी

डॉक्टरों ने सभी मेडिकल औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। संभावना है कि शनिवार सुबह उनके पार्थिव शरीर को एयरलिफ्ट कर रांची लाया जाएगा और फिर घाटशिला ले जाकर अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिवार ने अभी तारीख तय नहीं की है, लेकिन राज्य सरकार स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं।

रामदास सोरेन का जाना झारखंड और खासकर कोल्हान क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है। वे ऐसे समय पर इस दुनिया को अलविदा कह गए जब राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में उनकी पहल को लेकर जनता को बहुत उम्मीदें थीं।

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