बजट सत्र से पहले बनेगी नियोजन नीति- सुप्रियो भट्टाचार्य
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश लें स्वतः संज्ञान
रांची : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर जेएमएम ने सवाल करते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू क्या अनुकंपा पर हैं. जिस तरह से शनिवार को चाईबासा में बातें कही गयी कि एक गरीब घर में जन्म लेने वाली बेटी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पद पर बिठाया. यह बेहद ही शर्मनाक बयान है. राष्ट्रपति, तिरंगा और अशोक स्तंभ भारत का प्रतीक है. उनके विषय में ऐसी बातें पीड़ादायक है. वहीं एक सवाल के जवाब में सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड में बजट सत्र से पहले नियोजन नीति बन जाएगी.
राष्ट्रपति पर अमित शाह के बयान पर गिना-गिनाकर किया पलटवार
जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अमित शाह पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा आदिवासी समाज के बारे में जिस तरह से बात करते हैं उससे आशंका थी कि वहां के लोग उनको खारिज करेंगे और वही हुआ भी.
आदिवासी समाज के लोग अंग्रेजों से लोहा लिया था. भारतीय सेना के सुप्रीम राष्ट्रपति के बारे में जिस तरह से चाईबासा में कई गई, हम कह सकते हैं कि इस तरह के शर्मनाक बयान का प्रयोग आज तक राजनीतिक इतिहास में नहीं हुई है. हमको लगता है कि कभी भी देश के गृहमंत्री अपने राष्ट्रपति के बारे में ऐसी बातें नहीं कर सकते.
शाह के बयान: 8 साल का अंहकार बोल रहा है
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि उनके 8 साल के अंहकार कल सर चढ़ कर बोल रहा था. वे प्रदेश अध्यक्ष का नाम भूल गए. उन्होंने कहा कि चाईबासा में शाह ने झारखंड सरकार को गिराने पर कहा कि बाबूलाल मरांडी ने कहा यहां की सरकार को गिरा दी जाए, लेकिन हमने कहा यहां की जनता गिराएगी.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने सवाल करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में कौन जनता गिराया, मध्यप्रदेश में कौन सरकार को गिराया, ये किसी से छुपा हुआ नहीं है. यहां आप सक नहीं पाए. हम सबों का सिर शर्म से तब झुक गया जब विदेशों की पत्रिकाओं में दिल्ली का नाम महिलाओं के साथ हिंसा में प्रथम स्थान पर आता है. दिल्ली पुलिस किसके हाथ में हैं, और हमको चले हैं सिखाने.
शाह के बयान: पूरे देश से मांगे माफी
उन्होंने कहा कि चाईबासा की जनता ने बता दिया कि यहां उनका सुपरा साफ हो जाएगा. आज देश में महिला हर क्षेत्र में आगे है, लेकिन उनकी नजर में अनुकंपा है. अमित शाह पूरे देश से माफी मांगे. हम सभी झारखंडियों को जितनी गाली देनी है वो दें. देश के आदिवासियों को गाली दें, लेकिंन राष्ट्रपति के गरिमा को बचा कर रखें.
राष्ट्रपति पर दिए गए बयान पर बीजेपी दे जवाब
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी आदिवासी समाज को एक कमोडिटी के तौर पर समझती है. बीजेपी के द्वारा आदिवासियों के विषय में जो बातें कही जाती है, यह तय था कि वहां के लोग उनको खारिज करेंगे. इस देश के लगभग डेढ़ सौ करोड़ लोगों का जो प्रतीक है, जो राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, उसकी नियुक्ति क्या अनुकंपा पर हुई है. इस बात का जवाब बीजेपी को देना होगा.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जन्म आदिवासी घर में हुआ, इसीलिए उस पर अनुकंपा की गई. दलित परिवार में जन्मी हमारे राष्ट्रपति के बारे कहा गया कि प्रधानमंत्री ने उनको उस पद पर पहुंचाया. इस तरह की भाषा का प्रयोग भारतीय राजनीति में कभी नहीं हुआ. सर्वाेच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को इस मामले पर स्वतः संज्ञान लें.
बीजेपी ने देश का टोपोलॉजी ही बदल दिया
जेएमएम के महासचिव ने कहा कि दिल्ली, मध्य प्रदेश और असम में महिलाओं की स्थिति बहुत खराब है. इन जगह पर पुलिस किसकी है, यह सबको पता है. इसीलिए जनता सवाल करेगी. पूरी सरकारी संपत्ति की डेमोग्राफी चेंज कर दी गई. बीजेपी ने इस देश का टोपोलॉजी ही बदल दिया. सारे उपक्रम निजी हाथों में बेच दिए और हमें समझा रहे हैं.
2024 में झारखंड से बीजेपी की हो जायेगी साफ
उन्होंने कहा कि 2024 के संकेत मिल गए. झारखंड से अब बीजेपी साफ हो जाएगी. आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक समाज अब बर्दाश्त नहीं करेगा. जो महिलाएं सेना का फाइटर जेट उड़ाती हो. अंतरिक्ष तक होकर आती हो. इसरो के वैज्ञानिकों, प्रोफेसर, इंजीनियर अब बीजेपी की नजर में कोई कीमत नहीं है. भारतीय जनता पार्टी को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.
रिपोर्ट: मदन सिंह