Friday, August 29, 2025

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NMCH के जूनियर डॉक्टरों ने लंबे समय से जारी अपनी मांगों को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

पटना : पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) के जूनियर डॉक्टरों ने लंबे समय से जारी अपनी मांगों को लेकर शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया। हाथ में काला बिल्ला बांधकर प्रदर्शन करते हुए दिखायी दिए। उनकी मांग है कि उनका स्टाइपेंड 20 हजार से बढ़ाकर 40 हजार किया जाए। जूनियर डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी जायज मांगों को अनदेखा किया गया तो वे अपने आंदोलन को और भी तेज करेंगे। साथ ही मंगलवार से राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में सेवाएं पूरी तरह से बंद कर देंगे।

उनका काम बहुत ज्यादा है, लेकिन उस हिसाब से उन्हें मिलने वाला स्टाइपेंड बहुत कम है – जूनियर डॉक्टर

जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उनका काम बहुत ज्यादा है, लेकिन उस हिसाब से उन्हें मिलने वाला स्टाइपेंड बहुत कम है। वे इस मांग को कई बार उठा चुके हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वे तुरंत स्टाइपेंड को संशोधित कर बिहार के डॉक्टरों को अन्य राज्यों के समकक्ष लाएं। स्पाइपेंड नहीं बढ़ा तो आंदोलन और विरोध प्रदर्शन तेज होगा। इंटर्न डॉक्टरों ने बताया कि अगर उनका स्टाइपेंड नहीं बढ़ा तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

मौजूदा समय में उन्हें हर महीने मात्र 20 हजार रुपए मिलते हैं – चिकित्सक

चिकित्सकों ने बताया कि मौजूदा समय में उन्हें हर महीने मात्र 20 हजार रुपए मिलते हैं, जो लगभग 650 प्रतिदिन के बराबर हैं। यह राशि आज की महंगाई में जीवनयापन के लिए पर्याप्त नहीं है और यह एक दिहाड़ी मजदूर की कमाई के बराबर है। उनका कहना है कि वे मरीजों की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके काम के अनुसार, 40,000 प्रति माह का स्टाइपेंड उचित है। नियमानुसार इंटर्न और पीजी ट्रेनी का स्टाइपेंड हर तीन साल में संशोधित होना चाहिए, लेकिन कई सालों से ऐसा नहीं हुआ है। जिससे स्टाइपेंड की राशि स्थिर बनी हुई है।

जूनियर डॉक्टरों ने कहा- इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री व स्वास्थ्य विभाग को कई बार पत्र लिख चुके हैं

जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वे इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग को कई बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है। अन्य राज्यों से बहुत कम है बिहार में स्टाइपेंड पीएमसीएच के डॉक्टरों ने बताया कि अन्य राज्यों और संस्थानों की तुलना में बिहार में मिलने वाला स्टाइपेंड बहुत ही कम है। पश्चिम बंगाल 43 हजार प्रति माह, ओडिशा 40 हजार प्रति माह और आइजीआइएमएस 32 हजार रुपए प्रति माह मिलते हैं।

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उमेश चौबे की रिपोर्ट

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