Khijri Vidhansabha : क्या इस बार कमल खिलेगा या फिर चलेगा पंजा…

Khijri Vidhansabha
Khijri Vidhansabha : झारखंड में लोकसभा चुनाव  खत्म होने  के साथ ही आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी काफी तेज हो गई है। आज हमारे खास प्रोग्राम सीट स्कैनर में हम स्कैन करेंगे खिजरी विधानसभा सीट को। झारखंड में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने है। यहां चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। तमाम पार्टीयां प्रचार प्रसार अभियान पूरी ताकत झोंक दी है।
रांची खिजरी विधानसभा अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। साल 2000 से लेकर 2019 तक यहां की जनता ने दो बार बीजेपी तो तीन बार कांग्रेस को इस सीट पर काबिज होने का मौका दिया है।
Khijri Vidhansabha : कांग्रेस और बीजेपी में रही है कांटे की टक्कर
2019 के विधानसभा चुनाव में कुल 21 प्रत्याशीयों ने अपना भाग्य इस सीट से आजमाया। अलग-अलग चुनावों में इस सीट पर कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा को बढ़त मिलती रही है।  2019 के खिजरी विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच था। यहां से कांग्रेस के राजेश कच्छप ने जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा के प्रत्‍याशी रामकुमार पाहन को 5,469 वोट से हराया था। राम कुमार पाहन को 78,360 वोट और राजेश कच्छप को 83,829 वोट मिले थे।
 2000 में जब संयुक्त बिहार में विधानसभा चुनाव हुए तब कांग्रेस ने सावना लकड़ा, बीजेपी ने करमा उरांव, राजद ने सुंदरी देवी और झामुमो ने सुनील कच्छप को मौका दिया था। पर जनता के दिलों में जगह कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ने वाले सावन लकड़ा ने बनाई और 2000 के चुनाव में बीजेपी के करमा उरांव को मात दी थी।
साल 2000 में बिहार से अलग होने के बाद झारखंड में 2005 में दूसरा विधानसभा के चुनाव हुए। तब बीजेपी ने कड़िया मुंडा को मैदान में उतारा तो वहीं कांग्रेस से सावना लकड़ा। UGDP से अमूल्य नीरज खलको, राजद से सुंदरी देवी, आजसू से राजेंद्र प्रसाद शाही मुंडा चुनावी मैदान में थे। लेकिन इस बार जनता ने जीत का सेहरा बीजेपी के कड़िया मुंडा को पहनाया और दूसरे स्थान पर रहने वाले कांग्रेस के प्रत्याशी सावना लकड़ा को कड़िया मुंडा ने 2,628 वोट से हरा दिया।
2009 में कांग्रेस ने जीती थी सीट
2009 में तीसरे विधानसभा चुनाव में तीसरी बार कांग्रेस ने सावना लकड़ा को फिर से मौका दिया। 2000 से 2009 आते आते चुनाव में बीजेपी ने तीसरी बार अपने प्रत्याशी को बदला और बीजेपी ने राम कुमार पाहन को मौका दिया। वहीं  UGDP का दमान छोड़ कर झारखंड पार्टी का दामन थामने वाले अमूल्य नीरज खलखो चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे थे, तो वहीं  UGDP  ने बेलास तिर्की पर दांव खेला, तो आजसू ने पारस नाथ उरांव और राजद ने सुंदरी तिर्की को तीसरी बार टिकट दिया।
पर कांग्रेस के सावना लड़का ने बीजेपी के राम कुमार को पाहन को 2,778 वोट के मामूली अंतर से हार का सामना कराया था।
अमूल्य नीरज खलखो को साल 2005 और 2009 के विधानसभा चुनाव में तीसरा स्थान मिला था। अमूल्य नीरज खलखो 2005 के विधानसभा चुनाव में झारखंड पार्टी के प्रत्याशी थे तो वहीं 2009 में वो यूजीडीपी के तरफ से उम्मीदवार थे। आजसू पार्टी की बात करें तो  साल 2005 और 2009 में आजसू ने खिजरी सीट से अपना प्रत्याशी उतारा था पर दोनों ही बार आजसू को चौथे स्थान पर रह कर संतोष करना पड़ा था।
Khijri Vidhansabha : 2014 में बीजेपी ने जमाया था कब्जा
साल 2014 के हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी राम कुमार पाहन पर एक बार फिर से विश्वास जताती है हालांकि 2005 में राम कुमार पाहन को हार का सामना करना पड़ा था। तीन बार राजद पार्टी से खिजरी विधानसभा का चुनाव लड़ने वाली सुंदरी तिर्की तो तीनों बार हार का सामना करना पड़ा था, पर इस बार उन्होंने बदलाव की सोची और कांग्रेस का दामन थामने का मन बना लिया। हालांकि इससे पहले कांग्रेस विधायक सावना लकड़ा पर साल 2011 में अविनाश नाम के युवक के अपहरण और हत्या करने के आरोप लगे थे जो 2013 में साबित हुआ।
इस मामले में सावना लकड़ा को आजीवन कारावास की सजा हो गयी थी। कांग्रेस ने सुंदरी तिर्की को मैदान में उतारा और झामुमो ने अंतु तिर्की को मौका दिया। हांलाकी इस बार सपा भी यहां जमीन तलाश रही थी। सपा ने इस बार के चुनाव में जीतनाथ बेदिया को टिकट दिया था। खैर इन सब के बीच कांग्रेस को सुंदरी तिर्की पर दांव खेलना भारी पड़ गया। इस बार यहां से बीजेपी के राम कुमार पाहन ने बाजी मार ली। राम कुमार पाहन ने दूसरे स्थान पर रही सुंदरी तिर्की को  64,912 वोटो से हरा दिया।
2019 में कांग्रेस ने सबको चौंकाया था
इधर 2019 के चुनाव में भाजपा को चुनाव में जीत का स्वाद चखाने वाले राम कुमार पाहन को फिर से उम्मीदवार बनाया। यानी राम कुमार पाहन तीसरी बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं। लेकिन इस बार कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रखती है और बीजेपी के राम कुमार पाहन के सामने इस बार एक युवा नेता राजेश कच्छप को प्रत्याशी बनाती है। 2014  के चुनाव में 22661 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहने वाले झामुमो के अंतु तिर्की 2019 में झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के टिकट पर चुनाव लड़ते है। वहीं भाजपा के साथ गठबंधन से अलग हुए आजसू ने भी रामधन बेदिया को खिजरी से प्रत्याशी बनाया था। पर इस बार जनता ने अपना मन बदलते हुए मुद्दो को आधार बनाते हुए कांग्रेस के युवा चेहरे राजेश कच्छप पर भरोसा जताया और उन्हें जीत दिलाई।
इस बार बीजेपी या कांग्रेस
बड़ी आबादी वाला इलाका टाटीसिलवे औद्योगिक क्षेत्र और आसपास के ग्रामीण इलाके का वोट निर्णायक माना जाता है। हमने पहले ही बताया 2009 से लेकर 2019 तक जनता ने 2 बार बीजेपी तो तीन बार कांग्रेस को यहां से मौका दिया है। इस बार भी दोनों ही पार्टियां भरपूर कोशिश करेंगी। बीजेपी चाहेगी कि यहां कमल खिले तो कांग्रेस चाहेगी पंजा से एस सीट को पकड़ा जाए।हालांकि अंदर खाने में  बीजेपी के दो चेहरे आरती कुजूर और राम कुमार पाहन के नाम की चर्चा है तो वही कांग्रेस से राजेश कच्छप के नाम की शोर सुनाई दे रही है। बहरहाल अब देखने वाली बात होगी कि क्या इस बार भी खिजरी की आवाम के मन में क्या है और किसे यहां से प्रतिनिधत्व करने का मौका देती है।
कुल वोटर : 326837
पुरुष : 169259
महिला : 157578
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