रमजान का महीना : रोज़ा रखने के क्या हैं साइंटिफिक फायदे, जानिये…….

रमजान का महीना : रोज़ा रखने के क्या हैं साइंटिफिक फायदे, जानिये.......

रांची: इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के लिए रमजान की खास अहमियत है. रमजान का महीना सबसे अफज़ल महीना माना जाता है और इस एक महीने में सभी रोज़ेदार खुदा को राज़ी करने के लिए रोज़ा रखते हैं भले ही शिद्दत की गर्मी क्यों ना हो रोजेदार उफ्फ तक नहीं करते.

सहरी से इफ्तार तक बिना कुछ पीए रहना वाकई में सभी को हैरान करता है क्यूंकि आम दिनों में लोग बिना खाए तो 16 घंटे रह जाएँ, लेकिन बिना पानी का रहना मुमकिन नहीं होता.

रमजान का महीना –

भले ही विज्ञानं धर्म को नहीं मानता हो लेकिन ये कहना गलत नहीं होगा कि किसी भी धार्मिक अनुष्ठान के पीछे वैज्ञानिक वजह भी होती है जो हमारे सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है.

एक महीना का रोज़ा रखना भी हमारे सेहत को कई फायदा पहुंचाता है जिसे विज्ञानं साबित भी करता है. और इसके फायदे जानकार वैज्ञानिक भी हैरान हैं.

अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इसपर 25 सालों तक रिसर्च किया और हैरान रह गये. रमजान का रोज़ा रखने से इसका असर पूरे जिस्म पर पड़ता है.

रमजान का महीना

वैज्ञानिको की माने तो रोज़ा रखने से सिर्फ कैंसर ही नहीं बल्कि दो सौ बिमारियों से भी बचा जा सकता है. रोज़ा रखने से आपके पाचन तंत्रिका में जब कोई विकार या ज़ख्म हो जाते हैं और लगातार पानी और खाना जाने से वो ठीक नही हो पाते लेकिन जब दिन में 16 से 17 घंटे पानी और खाना नहीं जाता तब उन ज़ख्मों को टिश्यू ठीक करने में लग जाते हैं.

रोज़ा रखने से ना सिर्फ मेटाबोलिक हेल्थ को सुधारने में मदद मिलती है बल्कि इन्सुलिन को भी नियंत्रित करता है जिससे मधुमेह होने का खतरा नहीं होता. रोज़ा रखने से अल्जाईमर और पार्किन्सन जैसी बिमारियां भी नहीं होती हैं. रोज़ा रखने से शरीर में सूजन की समस्या ख़त्म हो जाती है.

रोज़ा न सिर्फ कोलेस्ट्रोल लेवल को कम रखता है बल्कि दिल की बिमारियों से भी बचाता है. नियमित रोज़ा रखने से उम्र में इजाफा होता है. 11 महीने के बाद एक महिना रोज़ा रखने की प्रक्रिया को ओंटोफेजी कहते हैं जिसमें इंसान की सेल्स खुद की डैमेज सेल्स को खाने लगती है और नए सेल्स का निर्माण होता है.

रमजान का महीना –

रोज़ा रखने से वाइट ब्लड सेल्स का निर्माण होता है जो बिमारियों से बचाने में मददगार होती है और आपका इम्मुन सिस्टम मज़बूत बनता है. और इंसान आने वाली तमाम बिमारियों से बचता है.
रोज़ा रखने से याददाश्त बेहतर होती है और कांसनट्रेशन बेहतर होता है, टाइप टू डाईबिटिज का खतरा नहीं रहता है ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है.
इस्लाम में ज़िन्दगी और मौत तो अल्लाह पर है लेकिन 30 रोज़े का असर आपके शरीर पर ज़रूर पॉजिटिव पड़ता है. रोज़ा रखने के फायदे जानकार वैज्ञानिक भी हैरान हैं. रमजान का महीना

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