Ranchi-डोरंडा कोषागार मामले में सीबीआई की अदालत के सामने हाजिर होने के लिए रांची पहुंचे लालू यादव ने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जगरनाथ महतो के बात में कोई दम नहीं है, हम शिक्षा मंत्री के कदम का विरोध करते हैं. भोजपुरी, मगही, मैथली और अंगिका को झारखंड से निकाल नहीं सकता. भोजपुरी भाषा-भाषी किसी से डरने वाले नहीं है.
भाषा विवाद की आड़ में संगठन विस्तार करना चाहती है राजद
राजद के इस रुख से एक बात साफ है कि राजद भाषा विवाद को हवा देकर अपना संगठन विस्तार करना चाहती है. राजद की कोशिश एक बार फिर से झारखंड में अपनी पकड़ और संगठन को विस्तार देने की है. जारी भाषा विवाद ने राजद को यह मौका दे दिया है. झारखंड में भोजपुरी, मगही, मैथिली बोलने वालो की एक बड़ी आबादी निवास करती है. राजद की नजर इसी वोट बैंक पर है, इसीलिए एक रणनीति के तहत झारखंडी भाषा की बात करने वाले शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो पर राजद सुप्रीमो की ओर से हमला बोला गया है. यह राजद की एक सुनियोजित राजनीति का हिस्सा हो सकता है.
राजद ने गठबंधन पर लगाया उपेक्षा का आरोप
यही कारण है कि आरजेडी नेता राधाकृष्ण किशोर सिंह ने झारखंड में जारी गठबंधन पर अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा है कि कभी राजद का झारखंड में 16 विधायक हुआ करता था, लेकिन गठबंधन के कारण राजद सिमटता गया.
राधाकृष्ण किशोर सिंह ने राजद के आगे की रणनीति को स्पष्ट करते हुए कहा कि अगले चुनाव में हमारी कोशिश अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की होगी, जिससे कि या तो हमारी सरकार बने या फिर किंग मेकर बन कर सामने आए. राज्य की जनता ने सभी दलों को देख लिया है, अब उनकी निगाहें आरजेडी पर टिकी हुई है. राजद भाषा विवाद का विरोध करती है. क्योंकि झारखण्ड विभाजन के समय भोजपुरी, मगही बोलने वालों को अलग नही किया गया था, लगभग आठ जिलों में ये भाषाएं बोली जाती है. हमारी मांग भोजपुरी, मगही और अंगिका को उसका अधिकार दिलवाने की है.
रिपोर्ट- मदन/ शाहनवाज