चार्जशीट में हत्या के मोटिव के बारे में नहीं बताया गया, कोर्ट को अंधेरे में रख रही है सीबीआई
सीबीआई आरोपितों को निचली अदालत में एक्सीडेंट साबित करने का दे रही मौका
रांची : चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन की अदालत में धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले की सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस ने सीबीआई की चार्जशीट पर कड़ी नाराजगी जताई. अदालत ने कहा कि जब कोर्ट मामले की निगरानी कर रही है तो बिना कोर्ट को बताए निचली अदालत में चार्जशीट कैसे दाखिल कर दी. अदालत ने कहा कि जब चार्जशीट में हत्या के मोटिव के बारे में नहीं बताया गया है तो जांच पूरी करते हुए चार्जशीट कैसे दाखिल कर दी गई. इसका मतलब सीबीआई आरोपितों को निचली अदालत में एक्सीडेंट साबित करने का मौका दे रही है.
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जुडिशल अधिकारियों का गिरा मनोबल
अदालत ने इस बात को भी लेकर कड़ी नाराजगी जताई कि शुरू से ही सीबीआई स्टीरियोटाइप रिपोर्ट अदालत में दाखिल कर रही है, और कोर्ट को अंधेरे में रख रही है. अदालत ने सीबीआई से पूछा कि निगरानी का क्या मतलब होता है, क्या सीबीआई इसे सिर्फ खानापूर्ति समझ रही है. क्योंकि अदालत इस मामले को बहुत गंभीरता से ले रही है इस घटना ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट कराया था और इससे जुडिशल अधिकारियों का मनोबल गिरा है. लेकिन कोर्ट इनका मनोबल बढ़ाने के लिए इस मामले में शामिल सभी आरोपितों को सख्त सजा दिलाने के बारे में सोच रही थी. लेकिन सीबीआई की अब तक जांच से पता चल रहा है कि उन्होंने पूरे केस को समाप्त कर दिया है.
मिस्ट्री अन एक्सप्लेन की ओर बढ़ रहा है ये मामला
अदालत ने इसको लेकर भी सवाल उठाया कि चार्जशीट भी जांच रिपोर्ट में नहीं दी गई है. अदालत ने कहा कि कोर्ट ने पूर्व में ही आशंका जाहिर की थी कि यह मामला कहीं मिस्ट्री मर्डर ना बन जाए. लेकिन अब लग रहा है कि यह मामला मिस्ट्री अन एक्सप्लेन की ओर बढ़ रहा है.
रिपोर्ट : प्रोजेश
जज उत्तम आनंद हत्याकांड में सीबीआई षडयंत्र की तह तक नहीं पहुंच पायी- हाईकोर्ट