धनबाद/बाघमारा : धनबाद-बोकारो जिला में भोजपुरी, मगही, अंगिका को क्षेत्रीय भाषा का दर्जा देने की घोषणा के बाद से हेमन्त सरकार का विरोध लगातार जारी है. सड़कों से होती हुई भाषा आंदोलन की तपिश अब बाघमारा विधायक ढ़ुल्लू महतो के घर तक भी पहुंच गई. सोमवार को झारखंडी भाषा बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलनकारी ढ़ुल्लू महतो के आवास के सामने जमा हुए. छात्र नेता जयराम महतो के आह्वान पर ये आंदोलनकारी वहां पहुंचे. विधायक से मिलकर इनलोगों ने समर्थन मांगा और सदन उनकी आवाज़ को उठाने का अनुरोध किया.
ढ़ुल्लू महतो ने कहा कि वो गाँव और ग्रामीणों का सम्मान करते हैं. आंदोलनकारियों की मांग को सरकार तक पहुंचाने का भी उन्होने भरोसा दिया. बाघमारा विधायक ने हेमन्त सरकार को भाषा विवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होने कहा कि जल, जंगल,जमीन का नारा देकर सत्ता में आने वाली सरकार अब लोगों को लड़ाने पर उतर आई है.
झारखंडी भाषा बचाओ संघर्ष समिति के नेता जयराम महतो ने कहा कि वो लोग सभी जनप्रतिनिधियों से समर्थन मांग रहे हैं ताकि राज्य सरकार तक आवाज़ पहुंच सके. जयराम ने चेतानवी देते हुए कहा कि सरकार ने अगर उनकी मांगें नहीं मानी तो आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी. जयराम महतो ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ भाषा की नही बल्कि अपनी पहचान बचाने की है.
रिपोर्ट – सुरजदेव मांझी
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