MUNGER: लंपी वायरस का असर अब मुंगेर में भी दिखने लगा है.
मुंगेर ज़िले के तारापुर प्रखंड क्षेत्र के माधोडीह गांव में
लंबी वायरस से 3 दुधारू पशुओं की मौत हो चुकी है
और लगभग दो दर्जन से अधिक पशुओ में यह वायरस तेजी से फ़ैल गया,
वहीं पशु को हो रही इस बीमारी को देख पशुपालक परेशान हैं.
वहीं इस गांव के कई पशुपालक महिला और पुरुष ने बताया
कि हमारे पशु में यह एक अजीब सी बीमारी देखने को मिल रही है.
जिसमें पशु के पूरे शरीर के किसी भी हिस्से में कई
जगह घाव हो जाते हैं और उसमें कीड़े हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से लगभग गांव में तीन दुधारू पशु की मौत हुई, उन्होंने कहा कि प्राइवेट पशु चिकित्सक से इलाज करवाते हैं लेकिन सरकारी डॉक्टर एक भी अभी गांव में नहीं आया है. उन्होंने कहा इस बीमारी के कारण पशु की दवाई और ट्रीटमंट में काफी खर्च हो रहा है.
कैंप लगाकर किया जायेगा पशुओं का इलाज
वहीं पशु चिकित्सक डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि अगर इस तरह
के मामले है तो हम उस गांव में केम्प लगाकर सारे पशुओं का इलाज किया जायेगा. उन्होंने कहा कि लंपी वायरस को खत्म करने के लिए अबतक कोई वैक्सीन नहीं बना है. वैज्ञानिक इसपर शोध कर रहे हैं, जैसे ही इसकी दवाई बन जाएगी, तेजी से सभी पशुपालकों के भेजने का काम करेंगे.
आगे उन्होंने कहा कि इस बीमारी की रोकथाम के लिए पशुपालक अपने पशुओं की बार- बार सफाई करें और साफ़- सुथरी जगहों पर पशुओं को बांधे. लंपी वायरस पशुओं के लिए छुआछूत की बीमारी है. यदि किसी पशु को यह बीमारी हो चुकी है तो दूसरे पशु को उससे अलग रखना चाहिए. नहीं तो उस स्वस्थ पशु को भी यह बीमारी हो सकती है.
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