Wednesday, July 16, 2025

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एमजीएम मेडिकल कॉलेज में बड़ा हादसा: कॉरिडोर की छत गिरने से तीन मरीजों की मौत, जांच के आदेश

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जमशेदपुर: कोल्हान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम मेडिकल कॉलेज में शनिवार को दर्दनाक हादसा हो गया। मेडिसिन वार्ड के बी ब्लॉक की तीसरी मंजिल के कॉरिडोर की छत भरभराकर गिर पड़ी। हादसे में मलबा दूसरी मंजिल को तोड़ते हुए पहली मंजिल तक जा पहुंचा, जिसमें दबकर तीन मरीजों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान गदला निवासी लुकास साइमन तिर्की (61), साकची के डेविड जॉनसन (73) और सरायकेला के श्रीचंद तांती (65) के रूप में हुई है।

रेणु देवी (83) और सुनील कुमार (50) को मलबे से रेस्क्यू कर लिया गया, हालांकि रेणु देवी की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे के बाद जिले के उपायुक्त अनन्य मित्तल दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की। समिति को 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।

वार्ड में हादसे के वक्त कुल 15 मरीज भर्ती थे, जिनमें से 12 सुरक्षित बताए जा रहे हैं। घायल मरीज सुनील कुमार ने बताया कि घटना के वक्त वे बेड पर लेटे थे और अचानक मलबा गिरने लगा, जिससे बचने का कोई मौका नहीं मिला। उन्होंने गंभीर चोटों के साथ मलबे से जिंदा निकलने की आपबीती सुनाई।

गौरतलब है कि हादसे से कुछ देर पहले ही मेडिसिन विभाग में साइंटिफिक सत्र चल रहा था। विभागाध्यक्ष डॉ. बलराम झा के अनुसार, दोपहर 2:30 बजे तक करीब दो दर्जन डॉक्टर उसी कॉरिडोर से गुजरे थे। अगर हादसा उस समय होता तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।

रात करीब 11 बजे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी और एनडीआरएफ की टीम भी मेडिकल कॉलेज पहुंची। मंत्री ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा की। साथ ही एमजीएम अस्पताल के पुराने और जर्जर भवनों को तोड़कर अस्पताल को नए भवन में शिफ्ट करने की बात कही।

फिलहाल राहत एवं बचाव कार्य देर रात तक चलता रहा और एनडीआरएफ ने रात करीब एक बजे तीसरे मृतक का शव मलबे से बाहर निकाला। घटना ने अस्पताल की जर्जर व्यवस्था और भवनों की बदहाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।