MLA Shilpi Neha Tirkey ने खोया आपा-झारखंड को जम्मू कश्मीर बनाएंगे क्या !

Shilpi Neha Tirkey

Ranchi : मानसून सत्र में जाने से पहले मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की (Shilpi Neha Tirkey) ने कहा कि डेमोग्राफी चेंज की बात करना ही है तो रांची से करना चाहिए। रांची के आदिवासी और मूलवासियों को किसी कोने में, स्लम में ठकेलकर रख दिया है। जैसे कहते हैं ना कि कालीन के नीचे गंदगी ढक जाती है उसी प्रकार यहां के आदिवासियों और मूलवासियों को ढककर रख दिया गया है।

ये भी पढ़ें- Banna Gupta का तंज-चाचा तो कंबल ओढ़ के मधु भी पी जाते हैं…

डेमोग्राफी चेंज का बात क्यों नहीं करते हैं। आज रामगढ़ में हजारीबाग में वहां के मुखिया बाहर से आकर बन रहे हैं उस समय उनको डेमोग्राफी चेंज की बात नजर नहीं आती है। पहले शुरुआत यहां से करना चाहिए उसके बाद में हम संथाल के मुद्दे को भी देखेंगे। डेमोग्राफी में बदलाव सिर्फ संथाल और रांची में ही नहीं बल्कि पूरे झारखंड में हुआ है।

Shilpi Neha Tirkey : बाहरी लोगों को यहां का स्थानीय प्रमाण पत्र दे दिया

सबसे लंबे समय तक सत्ता में तो यहीं लोग थे। 1985 लाके यहां पटक दिया और यहां के अपार्टमेंट और फ्लैटों में रह रहे लोगों को भी स्थानीय का प्रमाण पत्र दे दिया। इससे आप अंदाजा जता सकते हैं कि झारखंड के लिए बुरा सोचने वाला बीजेपी से बड़ी पार्टी कोई और हो ही नहीं सकता है। वहीं संसद में संथाल के कुछ हिस्सों को केन्द्र शासित बनाए जाने वाले मुद्दे पर उन्होंने कहा कि झारखंड को जम्मू कश्मीर बनाएंगे क्या, झारखंड को मणिपुर बनाएंगे क्या। इनको लगता है क्या कि जनता ऐसा होने देगी। आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता इनको मुंहतोड़ जवाब देगी।

लोगों के दुख और पीड़ा में राजनीति करने का बीजेपी का पुराना प्रथा

वहीं राज्य में चल रहे सहायक पुलिसकर्मियों के धरना प्रदर्शन मुद्दे पर कहा कि उनको सहायक पुलिसकर्मियों की चिंता करने की जरुरत नहीं है। पुलिसकर्यियों पर थोड़ा-मोड़ा न्याय जो किया है वो इसी सरकार ने किया है और पूरा न्याय भी यहीं सरकार करेगी। आखिर पुलिसकर्मियों को कॉन्ट्रैक्ट बेसिस में हायर इसी सरकार ने किया था। यहां के लोगों को बेवकूफ बनाएंगे क्या। लोगों के दुख और पीढ़ा में राजनीति करने का बीजेपी का पुराना प्रथा है। वहीं काम आज भी कर रहे हैं।

Shilpi Neha Tirkey Shilpi Neha Tirkey

Share with family and friends: