रांची: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों का भौतिक सत्यापन बड़ी चुनौती बन गया है। डुप्लीकेसी की शिकायतें सामने आने के बाद सरकार ने फिलहाल महिलाओं के खातों में राशि भेजने पर रोक लगा दी है। यही कारण है कि जनवरी माह की किस्त अब तक लाभुकों के खाते में ट्रांसफर नहीं की गई है।
योजना के तहत केवल उन्हीं लाभुकों को भुगतान किया जाना है, जिनके बैंक खाते आधार से जुड़े हैं। इस प्रक्रिया की जांच अभी जारी है। बोकारो समेत कई जिलों में फर्जी लाभुकों के नाम सामने आने से सरकार की चिंता और बढ़ गई है। इससे बचाव के लिए अब आधार लिंकिंग अनिवार्य कर दी गई है।
राज्यभर में 57 लाख लाभुकों के सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक यह कार्य पूरा नहीं हो सका है। प्रखंड स्तर पर प्रशासन इसे तेजी से निपटाने में जुटा हुआ है। हालांकि, सभी जिलों को योजना की राशि आवंटित कर दी गई थी, लेकिन सामाजिक सुरक्षा विभाग ने डुप्लीकेसी के कारण जिलों को भुगतान जारी करने से रोक दिया है।
नवंबर 2024 में ही इस गड़बड़ी की सूचना मिली थी, जिसके बाद 29 नवंबर को सामाजिक सुरक्षा विभाग ने अयोग्य लाभुकों की सूची से नाम हटाने का निर्देश दिया था। 3 दिसंबर 2024 को सामाजिक सुरक्षा निदेशालय के निदेशक ने सभी जिलों के उपायुक्तों (DC) को पत्र लिखकर एक माह के भीतर अयोग्य लाभुकों को चिह्नित करने और उनसे वसूली करने का आदेश दिया था।
जब तक सभी लाभुकों का सत्यापन पूरा नहीं हो जाता और उनके बैंक खाते आधार से लिंक नहीं हो जाते, तब तक मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि मिलने की संभावना कम है।