Tuesday, July 15, 2025

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चिंता देवी की मुरीद हुई नीति आयोग,कहा-इनसे मिलती है प्रेरणा

GAYA: गया की डिप्टी मेयर चिंता देवी की मुरीद नीति आयोग भी है. नीति आयोग ने इनकी सराहना करते हुए लिखा है- चिंता देवी की जीत से प्रेरणा लेकर दूसरे को प्रेरित करने की सीख मिलती है. इसके बाद चिंता देवी इन दिनों एक बार फिर सुखिर्यों में है. इस बार ये अपनी जीवनशैली और लोगों के प्रति समर्पण की भावना के लिए चर्चा में हैं.

गाड़ी नहीं खरीदना चाहती हैं गया की डिप्टी मेयर चिंता देवी

चिंता देवी की मुरीद हुई नीति आयोग,कहा-इनसे मिलती है प्रेरणा
चिंता देवी की मुरीद हुई नीति आयोग,कहा-इनसे मिलती है प्रेरणा

चिंता देवी की सादगी आज भी बरकरार है वो अपने काम के लिए कोई बड़ी गाड़ी नहीं खरीदना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि जनता के बीच जाने के लिए गाड़ी की जरुरत नहीं है. वो खुद ही पैदल चलकर जनता के बीच चली जाएंगी. वहीं अपने पुराने काम को आज भी वो नियमित रुप से करती हैं.

सुबह में उठकर खुद गोबर उठाती है, और चिपड़ी पाथती हैं. इनकी बहू जो दैनिक वेतनभोगी सफाईकर्मी हैं वो आज भी मोहल्ले में झाड़ू लगाने का काम करती हैं.
चिंता देवी ने कहा कि उन्हें ये सब नहीं चाहिए क्योंकि कुछ दिन के लिए तो मिलेगा लेकिन फिर बाद में पहले जैसी ही स्थिति हो जाएगी तो फिर अभी से ही अपने जीवन को सामान्य रखना ही सही है.


जब कुछ नहीं था तब दो रुपये में से एक रुपये गरीबों को देती थीं


वह आज भी झाड़ू लगाने या किसी भी काम को करने में शर्मिंदगी महसूस नहीं करती है.

डिप्टी मेयर ऑफिस बनाने के बजाय जनता के दरबार में ही जाना पसंद करती हैं .

महिला सशक्तिकरण का बड़ा उदाहरण बनी चिंता देवी ने बताया कि

वह महिलाओं को सफल बनाना चाहती है. पहले भी गरीब की सेवा करती थी,

जब उसके पास बहुत कुछ नहीं होता था, आज भी बहुत कुछ नहीं है,

लेकिन फिर भी वह पहले की तरह अपने 2 रूपए की कमाई में 1 रूपए गरीब की सेवा में लगा देती है.

चुनाव जीतने के लिए लेना पड़ा कर्ज

जीत की सफर के बाबत कहती है, कि वह चुनाव बहुत ही

सहज तरीके से लड़ रही थी. विश्वास था, कि उसकी छवि को लेकर जनता वोट करेगी.

यह सही भी साबित हुआ और वह डिप्टी मेयर बनीं. बताया कि

उन्हें चुनाव के दौरान थोड़ा कर्ज भी लेना पड़ा , कई और

लोगों ने भी मदद की. जिसके बाद वो जीतीं. अब वे जनता की सेवा कर रही हैं.

गया का ऐसा विकास करूंगी कि लोग याद करेंगे

उन्होंने हा कि गया को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के

लिए हर तरह के काम किए जाएंगे. कई नई योजनाएं लाई जाएंगी.

गली-गली पानी की समस्या को तत्काल दूर किया जाएगा.

उन्होंने नीति आयोग द्वारा की गई सराहना के लिए उन्हें धन्यवाद दिया है.

रिपोर्ट: आशीष