नई दिल्ली : अब खाद्य तेल के दाम छुएंगे आसमान- खाने के तेल के दामों में
पहले से ही अग लगी है और आने वाले दिनों में इसमें और भी उछाल आ सकती है.
दरअसल 28 अप्रैल से इंडोनेशिया ने पाम तेल के निर्यात पर
प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. जिसके चलते पाम ऑयल के दामों में
तेजी उछाल की आशंका जताई जा रही है.
इंडोनेशिया पाम ऑयल के सबसे बड़ा उत्पादक देशों में से एक है तो
भारत दुनिया के सबसे बड़े खाद्य तेल खास तौर पर पाम तेल
और सोया तेल के सबसे बड़े आयातक देशों में शामिल है.
रूस यूक्रेन युद्ध के चलते सनफ्लावर ऑयल की सप्लाई बाधित
इंडोनेशिया के इस फैसले से भारत की चिंता बढ़ा दी है. भारत को पहले से वैसे ही रूस यूक्रेन युद्ध के चलते सनफ्लावर ऑयल की सप्लाई बाधित से परेशान है अब इंडोनेशिया के इस फैसले से और मुसीबत बढ़ा दी है. वहीं खुदरा महंगाई दर मार्च महीने में 6.95 फीसदी पर है यानि 7 फीसदी के करीब. महंगाई बढ़ने की बड़ी वजहों में खाने के तेल के दामों में बड़ी बढ़ोतरी भी शामिल है. खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों की मानें तो खाद्य तेल और वसा की कीमतों में वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 27.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं जानकारों की मानें तो इंडोनेशियाई के पाम तेल एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध से कीमतों में 10 से 15 फीसदी तक की तेजी आ सकती है.
भारत एक महीने में लगभग एक मिलियन टन खाद्य तेल का आयात करता है और पिछले वर्ष 2021-22 में 1.5 मिलियन टन से घटकर 1.3 मिलियन टन के आयात रह गया फिर भी कीमतों में उछाल के चलते 2021-22 में खाने के तेल के आयात पर 1.4 लाख करोड़ रुपये खर्च करना पड़ा है जबकि उससे पहले साल में 82,123 करोड़ रुपये खर्च करना पड़ा था.
इंडोनेशियाई के इस फैसले से महंगाई बढ़ने की आशंका है. पाम ऑयल दुनिया में सबसे अधिक खपत होने वाला खाना पकाने का तेल है, जो वैश्विक खपत का 40 फीसदी है. इसके बाद सोया तेल की बारी आती है जिसकी खपत 32 फीसदी और उसके बाद सरसों (या कैनोला) की जिसकी खपत 15 फीसदी है.
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