7 सितंबर को भारत में चंद्रग्रहण लगेगा। रात 9:57 से 1:27 तक रहेगा और दोपहर 12:57 से सूतक लगेगा। जानें वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व।
रांची : भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा पर इस साल 7 सितंबर को चंद्रग्रहण लगेगा। यह ग्रहण रात 9:57 बजे शुरू होगा और रात 1:27 बजे तक चलेगा। ग्रहण से 9 घंटे पहले यानी दोपहर 12:57 बजे से सूतक काल आरंभ हो जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य वर्जित है।
ज्योतिषीय दृष्टि
विशेषज्ञों के अनुसार यह चंद्रग्रहण कुंभ राशि और शतभिषा नक्षत्र में लगेगा। इस समय सूर्य-केतु की युति सिंह राशि में और राहु-चंद्रमा की युति कुंभ राशि में रहेगी, जिससे दोहरा ग्रहण योग बनेगा। ज्योतिषीय मान्यताओं के मुताबिक इसका असर देश-दुनिया के साथ सभी राशियों पर पड़ेगा। साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं की संभावना भी जताई जा रही है।
राशियों पर प्रभाव
मेष: आर्थिक हानि, मानसिक चिंता
वृषभ: व्यापार में हानि, स्वास्थ्य प्रभावित
मिथुन: सामाजिक छवि पर असर
कर्क: जीवन में उतार-चढ़ाव
सिंह: मान-सम्मान की हानि
कन्या: धन लाभ की संभावना
तुला: मानसिक तनाव
वृश्चिक: धन संबंधी परेशानी
धनु: मेहनत का अपेक्षित फल नहीं
मकर: आर्थिक कठिनाई
कुंभ: मानसिक आघात और शारीरिक कष्ट
मीन: खर्च की अधिकता
क्या करें और क्या न करें
न करें: भोजन पकाना और करना, नंगी आंखों से चंद्रग्रहण देखना, गर्भवती महिलाओं का बाहर निकलना।
करें: ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान-ध्यान, दान और फिर भोजन ग्रहण।
Key Highlights
चंद्रग्रहण: 7 सितंबर, रात 9:57 से 1:27 तक
दोपहर 12:57 से सूतक काल शुरू
कुंभ राशि और शतभिषा नक्षत्र में लगेगा ग्रहण
धार्मिक दृष्टि से शुभ कार्य वर्जित
वैज्ञानिक कारण: ब्लड मून और नई किरणें
सभी राशियों पर असर अलग-अलग
धार्मिक महत्व और सूतक काल
सूतक लगने के बाद मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। चंद्रग्रहण खत्म होने पर स्नान-ध्यान और पूजा-अर्चना के बाद ही मंदिरों के द्वार खुलेंगे। मान्यता है कि ग्रहण के दौरान भोजन पकाना और करना वर्जित है। गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
खगोल विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान “ब्लड मून” दिखाई देगा। इसका कारण वायुमंडल में होने वाली रैले स्कैटरिंग प्रक्रिया है, जिसमें लाल किरणें परावर्तित होकर चंद्रमा तक पहुंचती हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि ग्रहण के समय कई प्रकार की नई किरणें निकलती हैं, जिनके लिए मानव शरीर पूरी तरह तैयार नहीं होता। ऐसे में ग्रहण के दौरान भोजन न करना और सुरक्षित रहना उचित है।
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