रांची: झारखंड की राजनीति इन दिनों कई महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर चर्चा में है। इनमें उत्पाद सिपाही की भर्ती प्रक्रिया, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मैया योजना, और बीजेपी की परिवर्तन संकल्प यात्रा शामिल हैं। ये घटनाएँ राज्य की राजनीतिक सियासत को नया मोड़ दे रही हैं और आने वाले चुनावों में इनका प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
उत्पाद सिपाही भर्ती विवाद
झारखंड में उत्पाद सिपाही की भर्ती के दौरान हाल ही में 13 अभ्यर्थियों की मौत ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। हेमंत सोरेन ने आगामी भर्ती दौड़ को 3 से 5 सितंबर तक स्थगित कर दिया है और कहा है कि अब से अभ्यर्थियों की दौड़ 9 बजे के बाद नहीं होगी। इसके अलावा, उम्मीदवारों के लिए नाश्ते और फल की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि एक मेडिकल टीम बनाई जाएगी जो अभ्यर्थियों की स्वास्थ्य जांच करेगी और यदि कोई अभ्यर्थी दौड़ के लिए फिट नहीं है तो उसे दौड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
असम के मुख्यमंत्री और झारखंड के चुनाव सह प्रभारी हेमंत बिस्वा शर्मा ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जाहिर की और सुझाव दिया कि बहाली प्रक्रिया को 15 तारीख तक रोकना चाहिए था। उन्होंने मृतक अभ्यर्थियों के परिवारों को 50 लाख रुपये मुआवजा और एक सरकारी नौकरी देने की मांग की। बीजेपी ने भी एक लाख रुपये की मुआवजा राशि देने की घोषणा की है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से तत्काल राहत की अपील की है।
मैया योजना का राजनीति में महत्व
मैया योजना झारखंड सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। हाल ही में, योजना के तहत 40 लाख से अधिक फॉर्म भरे गए हैं और कई लाभार्थियों के खातों में पैसे भी ट्रांसफर किए गए हैं। लेकिन इस योजना पर विवाद तब शुरू हुआ जब एक याचिका झारखंड हाई कोर्ट में दायर की गई, जिसमें बीजेपी पर आरोप लगाया गया कि वे महिलाओं को सम्मान देने वाली इस योजना को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का दावा है कि यह याचिका बीजेपी के दबाव में दायर की गई है ताकि मैया योजना को नकारा जा सके।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार मैया योजना को समर्थन करती है और इस योजना को और प्रभावी बनाने के लिए कई सुधार भी किए जाएंगे। बीजेपी ने भी इस योजना के समर्थन में कहा है कि वे इससे बड़ा कार्यक्रम लाने का इरादा रखते हैं और मैया योजना का विरोध करने का कोई इरादा नहीं है।
बीजेपी की परिवर्तन संकल्प यात्रा
बीजेपी ने झारखंड में एक बड़े राजनीतिक अभियान की शुरुआत की है, जिसे ‘परिवर्तन संकल्प यात्रा’ कहा जा रहा है। यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के बाद 17 सितंबर से शुरू होगी और पूरे राज्य के प्रखंडों में जाएगी। इस यात्रा का उद्देश्य जनता को यह बताना है कि मौजूदा सरकार की नाकामियों की वजह से राज्य में बदलाव की आवश्यकता है।
बीजेपी की योजना है कि इस यात्रा के दौरान हर प्रखंड में लोगों को पार्टी के एजेंडा और योजनाओं के बारे में बताया जाएगा। बाबूलाल मरांडी, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं, इस यात्रा की अगुवाई करेंगे। बीजेपी ने इस यात्रा को सफल बनाने के लिए विशेष रणनीति तैयार की है और प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
सरकार आपके द्वार कार्यक्रम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का ‘आपकी सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम 30 अगस्त से 15 सितंबर तक चलने वाला है। इस कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री खुद ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे और उनकी योजनाओं के लाभों की जानकारी देंगे। यह कार्यक्रम हर साल होता है और इस बार चौथी बार आयोजित किया जा रहा है। बीजेपी की परिवर्तन संकल्प यात्रा के जवाब में यह कार्यक्रम भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।