रांची, सासाराम, पटना और बनारस में एक साथ कार्रवाई, देर रात तक होती रही पूछताछ
रांची : प्रेम का कछुआ ले गई- रांची के हरमू स्थित प्रेम प्रकाश के घर ईडी ने छापेमारी की.
यह कार्रवाई रांची के अलावा बिहार के पटना, सासाराम और यूपी के बनारस में एक साथ की गई.
छापेमारी निलंबित आईएएस पूजा सिंघल की अवैध कमाई के मनी ट्रेल से जुड़ी हुई बतायी जा रही है.
यह कार्रवाई देर रात दो बजे तक जारी थी.
इस दौरान प्रेम प्रकाश के घर से विदेशी मूल का एक कछुआ बरामद किया गया है.
मामले को लेकर ईडी की टीम ने फॉरेस्ट के भी अधिकारी को बुलाया,
जिसके बाद फारेस्ट अधिकारी ने बताया कि ये कछुआ कम्बोडिया मूल का है
और काफी दुलर्भ कछुआ है, और ये प्रतिबंधित है.
बताते चलें कि कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के साथ प्रेम प्रकाश की अच्छी बनती थी.
साल 2015 में राज्य के सचिव स्तर के एक अधिकारी ने प्रेम प्रकाश को
मिड डे मील योजना में अंडा सप्लाई का काम दिया था. छोटे-मोटे पेटी कांट्रेक्टर से काम शुरू करने वाले प्रेम प्रकाश की हैसियत धीरे-धीरे बढ़ती गई. तकरीबन आधा दर्जन आईएएस अधिकारियों से प्रेम का सीधा संपर्क हो गया.
चुटकियों में अफसरों का कर देता तबादला
2019 में सरकार बदलने के बाद प्रेम प्रकाश की किस्मत बदल गई. सत्ता के गलियारों में प्रेम प्रकाश का नाम गाहे-बगाहे कई बड़े अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग तक में आता था. प्रेम प्रकाश के बजाय सत्ता के गलियारों में पीपी नाम से उसे जाना जाने लगा था. अधिकारियों की पोस्टिंग में पैसे की उगाही को लेकर प्रेम के नाम की चर्चा होती थी. वहीं रांची समेत कई जिलों में महंगे भूखंडों के कब्जे में भी पीपी या प्रेम प्रकाश का नाम सामने आने लगा. हैसियत ऐसी की प्रेम प्रकाश को रांची जिला में सुरक्षाकर्मी तक उपलब्ध कराए गए. इस बात की चर्चा हमेशा होती रही कि जिन अधिकारियों से प्रेम प्रकाश की नहीं बनी उनका तबादला चुटकियों में हो जाता था.
प्रेम को मिला था बॉडीगार्ड
रांची पुलिस ने प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव को बॉडीगार्ड भी दिया था. इनकी पहचान राज्य के शीर्ष राजनेता व कई नौकरशाहों के करीबी के तौर पर रही है. 2015 में राज्य के सचिव स्तर के एक अधिकारी ने प्रेम प्रकाश को मिड डे मील योजना में अंडा आपूर्ति का काम दिया था.
बीजेपी ने कसा तंज
प्रेम प्रकाश के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी के बाद भाजपा विधायक दल के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ईडी की दबिश के बाद हेमंत सोरेन सरकार के कई बड़े-छोटे दागदार अधिकारियों के कारनामों की चर्चा लोगों की जुबान पर है. बाबूलाल ने मुख्यमंत्री से सवाल पूछा है कि अब तक आपने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की.