रांची : जेपीएससी (JPSC) के कट ऑफ मार्क्स पर अब सवाल उठने लगे हैं.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कट ऑफ मार्क्स पर हेमंत सरकार को घेरा.
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि वाह रे सरकार.
जेपीएससी अभ्यर्थियों के साथ एक बार फिर हेमंत सरकार ने भद्दा मजाक किया है.
उन्होंने कहा कि एक और पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का ढोंग कर रही है,
वहीं दूसरी ओर सामान्य वर्ग, OBC, EBC, BC और EWS सभी के कट ऑफ मार्क्स एक समान रखे गए हैं.
बाबूलाल मरांडी ने उठाया सवाल
बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करते हेमंत सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि
अब कल को इस उटपटांग फेसले को भी कोर्ट में चुनौती दी जाएगी तो हमारे सीएम साहब नाराज हो जाएंगे.
हाईकोर्ट के आदेश पर JPSC ने जारी किया कट ऑफ मार्क्स
बता दें कि सातवीं जेपीएससी को लेकर आयोग ने बुधवार को ही कट ऑफ मार्क्स जारी किया. इसके संबंध में
झारखंड हाईकोर्ट ने आयोग को कट ऑफ मार्क्स जारी करने का आदेश दिया था.
झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर 20 दिसंबर 2022 को सुनवाई हुई थी.
JPSC: मेंस का अलग से कटऑफ
आयोग ने 7वीं से 10वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा का कटऑफ मार्क्स जारी किया. इसमें अभ्यर्थी अपना रोल नंबर,
जन्म तिथि और मोबाइल नंबर डालकर माक्स डाउनलोड कर सकते हैं. मुख्य परीक्षा का कटऑफ जारी किया है.
इसमें सामान्य वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग- वन, पिछड़ा वर्ग- दो और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 532-532
अंक का कटऑफ तय किया गया. वहीं एसटी के लिए 479 अंक और एससी के लिए 515 अंक का कटऑफ तय किया गया.
बता दें कि परीक्षा का फाइनल रिजल्ट 31 मई 2022 को जारी हुआ था.
JPSC का विवादों से गहरा नाता
जेपीएससी का विवादों से गहरा नाता रहा है. छात्र नेता के द्वारा लगातार धरना प्रदर्शन और लंबे समय तक आंदोलन किया गया.
कई मांगों को लेकर जेपीएससी अभ्यर्थी राजभवन तक अपनी गुहार लगाने गए. उस समय आयोग के
चेयरमैन अमिताभ चौधरी को भी राजभवन तलब किया गया था.
रिपोर्ट: मदन सिंह