रांची: सीजीएल परीक्षा पास कराने के नाम पर ठगी के एक गंभीर मामले में एसआइटी की जांच का दायरा और तेज हो गया है। इस मामले में आरोपित गोरखपुर रेलवे में कार्यरत सीनियर इंजीनियर विनय साह और कोलकाता निवासी अनीश को विशेष जांच दल (एसआइटी) की ओर से दो बार नोटिस भेजा गया, लेकिन दोनों ने एसआइटी के समक्ष न तो हाजिरी दी और न ही कोई जवाब दाखिल किया।
सूत्रों के अनुसार, अब एसआइटी इन दोनों संदिग्ध आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से गैर-जमानती वारंट (NBW) लेने की तैयारी कर रही है। इस बाबत सीआइडी के वरिष्ठ अधिकारियों ने अनुसंधानकर्ता को आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने और कोर्ट से वारंट लेने का निर्देश दिया है।
मामले की तह तक जाने पर पता चला कि जांच के दौरान पहले से गिरफ्तार आरोपियों शशि भूषण और मनोज कुमार ने रिमांड पर पूछताछ में इन दोनों के नाम उजागर किए थे। इसके बाद एसआइटी की टीमें मोतिहारी, रक्सौल, गोरखपुर, कोलकाता और आसनसोल समेत विभिन्न जगहों पर छापेमारी कर सत्यापन करने पहुंचीं।
सत्यापन में यह सामने आया कि विनय साह वर्तमान में विभागीय अवकाश पर हैं, जबकि अनीश अब उस कोलकाता स्थित फ्लैट में नहीं रहते जहां पहले रह रहे थे। सत्यापन के बाद दोनों को उनके पते पर नोटिस भेजा गया, लेकिन वे एसआइटी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। दोबारा नोटिस भेजे जाने के बावजूद भी दोनों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
अब जांच एजेंसी अगली कानूनी कार्रवाई की दिशा में बढ़ रही है और शीघ्र ही दोनों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।