रांची: हाईकोर्ट ने सोमवार को सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2023 में किए गए संशोधन को लेकर दाखिल याचिका पर अहम फैसला सुनाया। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचन्द्र राव और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया के तहत 200 पदों को सुरक्षित रखने के पूर्व आदेश को यथावत रखने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत को अवगत कराया गया कि वर्ष 2023 की संशोधित नियमावली में संविदा पर कार्यरत ब्लॉक रिसोर्स पर्सन (BRP) और क्लस्टर रिसोर्स पर्सन (CRP) को आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया है। जबकि इससे पूर्व, वर्ष 2022 की नियमावली में शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षाकर्मियों को 50% आरक्षण का प्रावधान था।
याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा 2023 में बनाई गई नई नियमावली में केवल पारा शिक्षकों को ही सहायक आचार्य की नियुक्ति में 50% आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान किया गया है, जबकि अन्य संविदाकर्मियों को इससे वंचित कर दिया गया है। इस निर्णय को चुनौती देते हुए बहादुर महतो समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में याचिका दायर की थी।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नियुक्तियों को लेकर विवाद के निपटारे तक 200 पद सुरक्षित रखे जाएंगे। यह आदेश राज्य में सहायक आचार्य की भर्ती प्रक्रिया को लेकर चल रहे विवाद में अहम माना जा रहा है।