मधेपुरा: मधेपुरा (Madhepura) के सिंहेश्वर में आयोजित महाशिवरात्रि मेला में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा को लेकर राजद विधायक ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मेले के आयोजन में अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज किया जाता है। विधायक ने कहा कि उन्हें मेला उद्घाटन का आमंत्रण पत्र समय पर नहीं दिया गया, बल्कि उद्घाटन के दिन ही पत्र थमाया गया। सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के गठन हेतु जिला प्रशासन द्वारा राज्य धार्मिक पार्षद को प्रस्तावित सूची पर भी विधायक ने कड़ी आपत्ति जताई।
Highlights
उन्होंने कहा कि जिले की बहुसंख्यक आबादी को दरकिनार किया गया है। जिस मधेपुरा के बारे में कहा जाता है कि ‘रोम पोप का Madhepura गोप का’ वहां से एक भी यादव जाति का नाम प्रस्तावित नहीं किया गया है। सरकार से लेकर प्रशासन तक भ्रष्ट है। हो सकता है मोटी रकम लेकर नाम भेजा गया हो। विधायक चौपाल ने अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि जिलाधिकारी अनुभवहीन हैं और उनकी सलाह को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने मांग की थी कि मेले के आयोजन को लेकर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए एक बैठक होनी चाहिए, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
यह भी पढ़ें – Madhepura की जल्द ही बदलेगी सूरत, ग्रामीण कार्य विभाग की तरफ से…
न्यास समिति के गठन को लेकर जिला प्रशासन की प्रस्तावित सूची में ऐसे नाम भी भेजे गए जिन्होंने आवेदन तक नहीं किया। उन्होंने जदयू के एक विधान पार्षद का नाम भी लिया। विधायक ने मेले का कुंवारी कन्याओं द्वारा उद्घाटन कराए जाने की परंपरा पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि ऐसा किया जाता है, तो उसमें भी आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार को नौकरशाह चला रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि सिंहेश्वर महोत्सव के लिए सरकार से 30 लाख रुपए मिलते हैं, लेकिन अधिकारी इसका बंदरबांट कर लेते हैं। कमेटी के गठन के प्रस्तावित नाम में भी हड़बड़ी की गई है। विधायक ने घोषणा की कि वह इस मामले की शिकायत पर्यटन मंत्री से करेंगे ताकि इस भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके।
https://www.youtube.com/@22scopestate/videos
यह भी पढ़ें- Nitish जायेंगे लालू यादव के साथ…., राजद ने कहा ‘बिहार में दोहराया जाएगा एकनाथ शिंदे मॉडल’
Madhepura से रमण कुमार की रिपोर्ट