डिजिटल डेस्क : मौसमी मिजाज ने किया परेशान तो आजाद भारत ने फरवरी में देखी रिकार्डतोड़ गर्मी। देश में जारी मौसमी मिजाज ने न केवल लोगों चौंकाया है बल्कि सेहत पर प्रतिकूल असर डालने वाले मौसमी बदलाव से डराया भी है। इसके पीछे बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन के असर को बताया जा रहा है।
भारतीय मौसम विभाग ने महीने भर के मौसमी मिजाज का विश्लेषणात्मक अध्ययन किया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। मौसमी मिजाज में रिकार्डतोड़ बदलाव की तस्वीर उभरी है।
इस अध्ययन में मिला वर्ष 2025 में फरवरी में रहे तापमान के मिजाज के आजाद भारत का फरवरी में पहली बार रिकार्डतोड़ गरमी से वास्ता पड़ा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मासिक समीक्षा में बताया कि मार्च से मई तक भी ज्यादा गर्मी पड़ने के आसार हैं। चिंता की बात यह है कि सर्दी के महीने फरवरी में न्यूनतम तापमान में अच्छी खासी वृद्धि हुई है।
इस फरवरी में 1.34 डिग्री अधिक रहा तापमान
भारतीय मौसम विभाग के ताजा विश्लेषणात्मक अध्ययन में चौकाने वाले अलार्मिंग तथ्य सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि फरवरी में गर्मी ने 125 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। देश में फरवरी 2025 का औसम तापमान 22.04 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 1.34 डिग्री अधिक है।
इससे पहले 2016 में फरवरी में सामान्य से 1.29 डिग्री अधिक तापमान रिकॉर्ड किया गया था। चिंता की बात यह है कि सर्दी के महीने फरवरी में न्यूनतम तापमान में अच्छी खासी वृद्धि हुई है।
फरवरी 2025 में न्यूनतम तापमान 15.02 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 125 साल के इतिहास में सर्वाधिक है। फरवरी का सामान्य न्यूनतम तापमान 13.82 डिग्री सेल्सियस रहता है।
फरवरी में उच्चतम तापमान भी 125 साल में दूसरा सबसे ज्यादा 29.07 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इससे पहले फरवरी, 2023 में इससे अधिक गर्मी पड़ी थी। उस समय उच्चतम तापमान 29.44 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था।


जनवरी-फरवरी में 50 से 67 फीसदी कम हुई बारिश
इसी मासिक विश्लेषणात्मक अध्ययन में भारतीय मौसम विभाग ने पाया कि बदले मौसमी मिजाज का असर केवल तापमान पर ही नहीं बल्कि रूटीन में सर्दी के मौसम में होने वाली बारिश पर भी पड़ा है।
इस बार की सर्दी के मौसम में चिंताजनक लहजे में कम मात्रा में बारिश हुई। बारिश में यह कमी काफी चौंकाने वाली है। भारतीय मौसम विभाग के विषय विशेषज्ञों के मुताबिक, इसमें एक बड़ा कारण पश्चिमी विक्षोभ का असरदार न होना भी है।
इस फरवरी माह में पश्चिमी विक्षोभ की संख्या अधिक होने के बावजूद बारिश कम हुई। फरवरी, 2025 में सामान्य से 50 फीसदी कम बारिश हुई, जबकि जनवरी में 67 फीसदी कम बारिश हुई।
फरवरी 2025 में कुल 7 पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहे, जबकि सामान्यतः 5-6 पश्चिमी विभोग होते हैं। अधिकांश पश्चिमी विक्षोभ तेज गति से आगे बढ़े और उनमें पर्याप्त नमी नहीं थी जिस वजह से हल्की बारिश व बर्फबारी हुई। केवल 24 से 28 फरवरी के बीच का विक्षोभ प्रभावशाली रहा।


मार्च से मई तक भीषण गर्मी से सेहत पर प्रतिकूल असर का अंदेशा
इसी क्रम में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने मासिक समीक्षा में बताया कि मार्च से मई तक भी ज्यादा गर्मी पड़ने के आसार हैं।मौसम विभाग ने हीटवेव को देखते हुए कहा है कि बुजुर्गों, बच्चों और पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों सहित कमजोर आबादी के लिए भारी खतरा हो सकता है।
लू के कारण लोगों को हीटस्ट्रोक, निर्जलीकरण तथा बुनियादी ढांचे पर भी इसका दबाव पड़ता है। मौसम विभाग ने कहा है कि समय पर हीट एडवाइजरी जारी करने में अधिकारी अहम भूमिका निभाते हैं।
मौसम विभाग विस्तृत हीटवेव पूर्वानुमान, जोखिम आकलन और स्थान विशिष्ट अलर्ट सहित व्यापक शुरुआती चेतावनी प्रणाली प्रदान करता है। लोगों को गर्मी में पर्याप्त पानी पीने, तेज धूप से बचने की सलाह दी जाती है ताकि हीटवेव के प्रभावों को कम किया जा सके।
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