गयाजी : बीएमपी-3 में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर राजेश सिंह ने शनिवार की रात कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। हालांकि, मृतक की बहन ने इसे आत्महत्या मानने से इंनकार कर दिया है। आरोप लगाया है कि उनके भाई की हत्या करके उनके शव को फंदे से लटकाया गया है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
मृतक SI की पहचान सारण के गंगाजल गांव के रहने वाले राजेश के रूप में हुई है
आपको बता दें कि मृतक एसआई की पहचान सारण जिले के गंगाजल गांव के रहने वाले राजेश सिंह के रूप में हुई है, जो हाजीपुर में परिवार के साथ रहते थे। उनकी बहन संगीता कुमारी ने बताया कि उन्हें रात नौ बजे भाई की मौत की खबर मिली, जिसके बाद परिवार में हड़कंप मच गया। गयाजी पहुंचने पर उन्होंने देखा कि बैरक के अंदर भाई का शव लटका हुआ था, लेकिन उनके घुटने मुड़े हुए थे और पैरों के नीचे रेत पड़ी हुई थी, जिस पर कई लोगों के पैरों के निशान थे। संगीता ने कहा कि बैरक में रेत का होना और फॉरेंसिक टीम को न बुलाना कई सवाल खड़े करता है। संगीता कुमारी ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनके बच्चों के आने का इंतजार किए बिना जबरन उनसे कागजात पर हस्ताक्षर कराए और शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल कॉलेज भेज दिया।
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सहकर्मियों पर हत्या का आरोप
मृतक की बहन ने दावा किया कि बैरक के कुछ कर्मियों ने दबी जुबान में बताया कि एक छोटी सी बात पर झगड़ा हुआ था। राजेश ने शाम को 35 रुपये का भूंजा खरीदा था और सबको बांट रहे थे, जिसमें एक महिला कर्मी भी शामिल थी। इसी बात पर झगड़ा शुरू हुआ, जिसके बाद बैरक के कुछ कर्मियों ने मिलकर उनकी हत्या कर दी और शव को फंदे से लटका दिया। उनकी उम्र 50 वर्ष बताई जा रही है।
राजेश सिंह का पिछले 4 महीनों से कमांडेंट के साथ मनमुटाव चल रहा था – बहन संगीता
बहन संगीता ने बताया कि राजेश सिंह का पिछले चार महीनों से कमांडेंट के साथ मनमुटाव चल रहा था और उन्होंने ट्रांसफर के लिए आवेदन भी दिया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पुलिस का पक्ष बीएमपी-3 के एसआई उमेश कुमार ने कहा कि बोधगया थाने में मामला दर्ज कराया जा रहा है और परिजनों के आरोप गलत हैं। उन्होंने इस संबंध में और कोई जानकारी देने से इंनकार कर दिया। अब पुलिस जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी।
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आशीष कुमार की रिपोर्ट
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