रांची में 15 फरवरी से घेरा डालो, डेरा डालो कार्यक्रम की शुरूआत …

रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की रांची जिला समिति ने झारखंड आंदोलनकारी शहीद निर्मल महतो की 71 वीं जयंती मनायी. इस अवसर पर उन्होंने निर्मल महतो चौक स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस मौके पर उन्होंने निर्मल महतो को शहीद का दर्जा देने की मांग की और उनका नाम गजट में प्रकाशित करने की बात कही. झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा सेन्ट्रल कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि झारखंड अलग राज्य आंदोलन के प्रणेता शहीद निर्मल महतो की जीवनी को पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए और उन्हें शहीद का दर्जा देते हुए उसका उल्लेख गजट में किया जाना चाहिए. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि निर्मल महतो के सपनों का झारखंड बनाया जाए. राज्य में मैथिली, भोजपुरी, मगही और अंगिका भाषा को लागू कर शहीद निर्मल महतो को शर्मसार ना किया जाए, क्योंकि हमलोग इन्हीं भाषाओं अर्थात बिहार से लड़ाई लड़कर अलग राज्य का निर्माण कराए हैं. संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता पुष्कर महतो ने कहा कि शहीद निर्मल महतो के सपनों को साकार करने के लिए झारखंड आंदोलनकारियों को एक और संघर्ष करने की आवश्यकता महसूस हो रही है. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अपने वादे को पूरा करते हुए 14 फरवरी 2022 तक आंदोलनकारियों को जेल जाने की बाध्यता को समाप्त करते हुए, सरकार राज्य गठन की तिथि से प्रत्येक झारखंड आंदोलनकारी को चिन्हित करने का काम करें. साथ ही सभी को सामान रूप से राजकीय मान-सम्मान, पहचान, नियोजन और पेंशन देने का काम करे, अन्यथा 15 फरवरी से हजारों को संख्या में झारखंड आंदोलनकारी घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन की शुरुआत करेंगे. जिला अध्यक्ष प्रमोद कुमार वर्मा ने कहा कि जिन सपनों और मुद्दों को लेकर झारखंड अलग राज्य की लड़ाई लड़ी गई है, शहीद निर्मल महतो सरीखे नेताओं ने अपनी शहादत दी है, उसे साकार करने तक हम लोग संघर्ष करते रहेंगे. शहीद निर्मल महतो को श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में सर्जन हांसदा, सुबोध दांगी, ओम प्रकाश महतो, विराट महतो, पंकज कुमार, विकास महतो सहित बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मौजूद रहे.

रिपोर्ट- शहनवाज

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